झारखंड र्में शिक्षा की महत्ता एवं राष्ट्रीय साक्षरता मिशन की रूपरेखाएं

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Authors

  • Mukesh Kumar

Keywords:

झारखंड, शिक्षा, राष्ट्रीय साक्षरता मिशन, संविधान, स्कूली शिक्षा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, बच्चे, गुणवत्त शिक्षा, सरकार

Abstract

शिक्षा की महत्ता को देखते हुए भारत के संविधान की धारा-246 के तहत् शिक्षा को समवर्ती सूची में रखा गया है। स्कूली शिक्षा 4 (चार) चरणों यथा प्राथमिक (कक्षा-1 से कक्षा-5), उच्च प्राथमिक (कक्षा-6 से कक्षा-8), माध्यमिक (कक्षा-9 से कक्षा-10) तथा उच्च माध्यमिक (कक्षा-11 एवं कक्षा-12) का है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1986 तथा इस नीति का कार्यक्रम 1992 एवं निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 को ध्यान में रखते हुए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा सभी बच्चों को गुणवत्त शिक्षा की सुविधा सुनिश्चित कराना है। शिक्षा के सर्वव्यापीकरण हेतु झारखंड राज्य सरकार विभिन्न केन्द्रीय योजनायें यथा - सर्व शिक्षा अभियान, मध्याहन भोजन कार्यक्रम, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, शिक्षक शिक्षा योजना एवं राज्य योजनाओं-यथा निःशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण, निःशुल्क पोशाक एवं स्कूल किट वितरण, मुख्यमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना, निःशुल्क साईकिल वितरण, इंटरमीडियेट स्तर तक बालिकाओं की निःशुल्क शिक्षा, सरकारी विद्यालयों के कक्षा-9 से कक्षा-12 तक की सभी छात्राओं को निःशुल्क पोशाक, पाठ्य पुस्तक एवं कॉपी योजना के माध्यम से सतत् प्रयत्नशील है।

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Published

2019-06-01

How to Cite

[1]
“झारखंड र्में शिक्षा की महत्ता एवं राष्ट्रीय साक्षरता मिशन की रूपरेखाएं: -”, JASRAE, vol. 16, no. 9, pp. 290–293, Jun. 2019, Accessed: Sep. 20, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/12209

How to Cite

[1]
“झारखंड र्में शिक्षा की महत्ता एवं राष्ट्रीय साक्षरता मिशन की रूपरेखाएं: -”, JASRAE, vol. 16, no. 9, pp. 290–293, Jun. 2019, Accessed: Sep. 20, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/12209