स्वयं सहायता समूह और महिला सशक्तिकरण
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Keywords:
स्वयं सहायता समूह, महिला सशक्तिकरण, बचत, ग्रामीण महिलाओं, समस्याएं, विकास, स्वाभिमान, गौरव, आत्मनिर्भरता, क्षमताएंAbstract
महिलायें पहले समूह में केवल बचत की भावना से जुड़ती थी।लेकिन अब महिलाये समूह की बैठको में बचत के अतिरिक्त ग्रामीण महिलाओं की समस्याओं एवं उनके विकास के संबंध में भी चर्चा करने लगी है। स्वयं सहायता समूह महिलाओं के सशक्तीकरण में महत्वपूर्ण योगदान कर रहे हैं क्योंकि इन समूहों में कार्य करने से उनके स्वाभिमान, गौरव व आत्मनिर्भरता में वृद्धि होती है। परिणामस्वरूप महिलाओं की क्षमताओं में बढ़ोतरी होती है। आज भारत दुनिया भर में महिलाओं द्वारा संचालित स्वयं सहायता समूहों के क्षेत्र में सर्वोपरि स्थान रखता है किन्तु हमारे देश की सामाजिक, सांस्कृतिक, प्रशासनिक, राजनीतिक व आर्थिक परिस्थितियां महिला समूहों की गतिशीलता, व्यवहार्यता व साध्यता में अनेक चुनौतियां खड़ी होती हैं।Published
2019-06-01
How to Cite
[1]
“स्वयं सहायता समूह और महिला सशक्तिकरण: -”, JASRAE, vol. 16, no. 9, pp. 1418–1424, Jun. 2019, Accessed: Sep. 20, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/12411
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Articles
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[1]
“स्वयं सहायता समूह और महिला सशक्तिकरण: -”, JASRAE, vol. 16, no. 9, pp. 1418–1424, Jun. 2019, Accessed: Sep. 20, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/12411