बुद्ध के विचारों में मानव जीवन की प्रासांगिकता

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Authors

  • Dr. Sunita .

Keywords:

बुद्ध, विचार, मानव जीवन, प्रासंगिकता, शिक्षाएँ

Abstract

वर्तमान समय में बुद्ध के विचारों की प्रासंगिकता मानव जीवन को सुखमय बनाने के लिीए भगवान बुद्ध ने बहुत सी शिक्षाओं पर अपने विचार प्रस्तुत किए। भगवान बुद्ध ने प्रकृति के नियमों का गहन अध्ययन किया और वे इस नतीजे पर पहुँचे कि जो नियम बाहर वातावरण में काम कर रहे हैं, वहीं नियम हमारे शरीर के अन्दर भी काम कर रहे हैं। मानव जीवन की मूल समस्या है कि राग, द्वेश, मोह, घृणा, लालच और भय। यही समसया आपसी लड़ाई, एक-दूसरे के साथ युद्ध, आर्थिक समानता, शोषण, अत्याचार, भेद-भाव, हिंसा और आतंकवाद को जन्म देते हैं। यह ऐसी मूलभूत समसयाएं हैं जो हर युग में रहेंगी। केवल उनका रूप और स्थान बदलते हैं। यह समसयाएं जितनी बुद्ध के समय में थीं, आज उससे भी अधिक हैं। इस प्रकार भगवान बुद्ध ने मानव जीवन और उसके आस-पास के वातावरण से सम्बन्धित हर पहलू पर अपने विचार प्रस्तुत किए हैं।

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Published

2019-06-01

How to Cite

[1]
“बुद्ध के विचारों में मानव जीवन की प्रासांगिकता: -”, JASRAE, vol. 16, no. 9, pp. 1430–1432, Jun. 2019, Accessed: Sep. 20, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/12413

How to Cite

[1]
“बुद्ध के विचारों में मानव जीवन की प्रासांगिकता: -”, JASRAE, vol. 16, no. 9, pp. 1430–1432, Jun. 2019, Accessed: Sep. 20, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/12413