मध्ययुगीन मुगलकालीन भारत की कला विशेषकर वास्तुकला का उत्कृष्ट स्थान - एक आलोचनात्मक अध्ययन
भारत में मुगलकालीन ईस्लामी वास्तुकला का विकास
Keywords:
मध्ययुगीन मुगलकालीन भारत, कला विशेषकर, वास्तुकला, उत्कृष्ट स्थान, आलोचनात्मक अध्ययनAbstract
ईस्लाम का जन्म ईसा की सातवीं शताब्दी में अरब रेगिस्तान क्षेत्र में हुआ और उनका प्रसार ईरान मध्य एशिया और अफगानिस्तान से लेकर समूचे मुस्लिम उपमहाद्विप में हुआ। इन देशों में मिट्टी तथा पक्की हुयी ईटों से भवन का निर्माण होता था। चिकनी टाईलों से सजाया जाता था। कालान्तर में हिन्दू मुस्लिम वास्तुकलाओं के पारम्परिक आदान-प्रदान से भारत में एक नयी भारतीय-ईस्लामी वास्तुकला का विकास हुआ।Published
2019-06-01
How to Cite
[1]
“मध्ययुगीन मुगलकालीन भारत की कला विशेषकर वास्तुकला का उत्कृष्ट स्थान - एक आलोचनात्मक अध्ययन: भारत में मुगलकालीन ईस्लामी वास्तुकला का विकास”, JASRAE, vol. 16, no. 9, pp. 1433–1434, Jun. 2019, Accessed: Sep. 20, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/12414
Issue
Section
Articles
How to Cite
[1]
“मध्ययुगीन मुगलकालीन भारत की कला विशेषकर वास्तुकला का उत्कृष्ट स्थान - एक आलोचनात्मक अध्ययन: भारत में मुगलकालीन ईस्लामी वास्तुकला का विकास”, JASRAE, vol. 16, no. 9, pp. 1433–1434, Jun. 2019, Accessed: Sep. 20, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/12414