भारतीय हिन्दू संस्कृति एवं उनके विभिन्न पर्व-त्योहार
Exploring the Significance of Festivals in Indian Hindu Culture
Keywords:
भारतीय हिन्दू संस्कृति, पर्व-त्योहार, विशिष्ट महत्व, धार्मिक सामाजिक चेतना, विशेष संस्कृतिAbstract
हिन्दू संस्कृति में उनके पर्व एव त्योहार का विशिष्ट महत्व है। ये पर्व एवं त्योहार किसी भी श्रेणी में क्यों ना हों उनका बाह्य रुप कैसा भी क्यों ना हों किन्तु उनका वास्तविक उद्देश्य जन साधारण में धार्मिक सामाजिक और अध्यात्मिक चेतना का जागृत करना मात्र है। किसी भी देश के पर्व-त्योहार का मात्र यहीं औचित्य है कि इन के द्वारा उनकी वास्तविक संस्कृति के दिग्दर्शन होते है और इसके माध्यम से उस देश की विशेष संस्कृति का एक वास्तविक स्वरुप जन साधारण के सम्मुख प्रकट होता है मानव समाज की सफलता के लिए जहाँ व्यक्तिगत उन्नति और सत्प्रवृत्तियों को ग्राहय करने की आवश्यकता है वहीं सामाजिक संगठन सुदृढ़ बनाना और सामुदायिक सहयोग की भावना का विकास करना भी है। भारतीय संस्कृति में जितने भी पर्व-त्योहार का नियोजन किया गया हैं। उसका एक मात्र उद्देश्य है कि लोग आपस में प्रेमपूर्वक जीवन यापन करते हुए परस्पर सहयोग की भावना को विकसित करें। हमारे देश भारत में पर्वों और त्योहार की परम्परा अति प्राचीन काल से चली आ रही है जो विभिन्न ऋतुओं में भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में सभी समुदायों के द्वारा पूर्ण उल्लास और प्रसन्नता के साथ मनाये जाते है। हिन्दू धर्मावलम्बियों के द्वारा मनाये जाने वाले विभिन्न प्रकार के पर्व-त्योहार का अपना एक अलग महत्व व विशिष्ट पहचान हैं।Published
2019-06-01
How to Cite
[1]
“भारतीय हिन्दू संस्कृति एवं उनके विभिन्न पर्व-त्योहार: Exploring the Significance of Festivals in Indian Hindu Culture”, JASRAE, vol. 16, no. 9, pp. 1499–1511, Jun. 2019, Accessed: Sep. 20, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/12425
Issue
Section
Articles
How to Cite
[1]
“भारतीय हिन्दू संस्कृति एवं उनके विभिन्न पर्व-त्योहार: Exploring the Significance of Festivals in Indian Hindu Culture”, JASRAE, vol. 16, no. 9, pp. 1499–1511, Jun. 2019, Accessed: Sep. 20, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/12425