बिहार में उद्यानिक कृषि को प्रोत्साहन
बिहार में उद्यानिक कृषि: बाजार में सब्जियों और फलों की खेती का महत्व
Keywords:
बिहार, उद्यानिक कृषि, खेती, फसल, मार्केटिंगAbstract
बिहार पूर्णतया कृषि पर ही निर्भर राज्य है. 2016-17 में बिहार की अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान 21.2 प्रतिशत और 2017-18 में मामूली कमी के साथ यह 19.7 प्रतिशत था। परंतु किसानों की आय बढ़ाने के लिये आवश्यक है कि वे पारम्परिक फसलों के साथ-साथ सब्जियों, फलों और फूलों की खेती में भी कदम आगे बढ़ाएँ। इनमें पारम्परिक फसलों की तुलना में लागत कम है और बाजार में अच्छी कीमत मिलने से लाभ की उम्मीद भी अधिक है। बिहार को राष्ट्रीय मानचित्र पर छाने के लिये कई प्रयास करने की आवश्यक्ता है। ऐसे में ‘राज्य उद्यानिक उत्पाद विकास योजना’ का एक खास महत्व है। इस पंचवर्षीय योजना में किसानों को उस जिले के लिये चिन्हित खास उद्यानिक फसल को ही उगाने का आग्रह किया जायेगा। इससे उत्पाद के मार्केटिंग में सहूलियत होगी और उसका सीधा फायदा किसान को होगा।Published
2019-11-01
How to Cite
[1]
“बिहार में उद्यानिक कृषि को प्रोत्साहन: बिहार में उद्यानिक कृषि: बाजार में सब्जियों और फलों की खेती का महत्व”, JASRAE, vol. 16, no. 11, pp. 12–15, Nov. 2019, Accessed: Nov. 07, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/12535
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Articles
How to Cite
[1]
“बिहार में उद्यानिक कृषि को प्रोत्साहन: बिहार में उद्यानिक कृषि: बाजार में सब्जियों और फलों की खेती का महत्व”, JASRAE, vol. 16, no. 11, pp. 12–15, Nov. 2019, Accessed: Nov. 07, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/12535






