स्वामी विवेकानन्द एवं महात्मा गाँधी जी के विचारों का तुलनात्मक अध्ययन
A Comparative Study of the Educational Thoughts of Swami Vivekananda and Mahatma Gandhi
Keywords:
स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी, चिंतक, शैक्षिक दर्शन, योगदान, आध्यात्मिक श्रेष्ठता, बीच, संयोजक, मानव सेवाAbstract
स्वामी जी व गाँधी जी दोनों ही भारतीय चिंतक है। इस लघु शोध में हमने दोनों चिंतकों के शैक्षिक दर्शन का तुलनात्मक अध्ययन किया है। इसमें हमने दोनों चिंतकों के शैक्षिक विचारों का विस्तार वर्णन किया है। इसमें हमने समय की कमी के कारण इनके शैक्षिक दर्शन को लिया है तथा इसके लिए हमने ऐतिहासिक व वर्णनात्मक विधि का उपयोग किया है। हमने आज के परिपेक्ष में इन दोनों संतों के शैक्षिक विचार का क्या योगदान हैं शिक्षा में इसका अध्ययन किया है। स्वामी विवेकानन्द इस युग के पहले भारतीय थे जिन्होंने हमें हमारे देश की आध्यात्मिक श्रेष्ठता और पाश्चात्य देशों की भौतिक श्रेष्ठता से परिचित कराया और हमें अपने भौतिक एवं आध्यात्मिक दोनों प्रकार के विकास के लिए सचेत किया। इन्होने उद्घोष किया कि भारत के प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षित करो और शिक्षा द्वारा उसे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में कुशलतापूर्वक कार्य करने के लिए सक्षम करो, उसे स्वावलम्बी बनाओ, आत्मनिर्भर बनाओ, स्वाभिमानी बनाओ और इन सबसे ऊपर एक सच्चा मनुष्य बनाओ जो मानव सेवा द्वारा ईश्वर की प्राप्ति में सफल हो। स्वामी विवेकानन्द जी को भारत के अतीत और वर्तमान के बीच एक बहुत बड़ा संयोजक माना जाता है।Published
2021-01-01
How to Cite
[1]
“स्वामी विवेकानन्द एवं महात्मा गाँधी जी के विचारों का तुलनात्मक अध्ययन: A Comparative Study of the Educational Thoughts of Swami Vivekananda and Mahatma Gandhi”, JASRAE, vol. 18, no. 1, pp. 120–125, Jan. 2021, Accessed: Sep. 20, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/12947
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Section
Articles
How to Cite
[1]
“स्वामी विवेकानन्द एवं महात्मा गाँधी जी के विचारों का तुलनात्मक अध्ययन: A Comparative Study of the Educational Thoughts of Swami Vivekananda and Mahatma Gandhi”, JASRAE, vol. 18, no. 1, pp. 120–125, Jan. 2021, Accessed: Sep. 20, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/12947