मशरूम: उत्पादन प्रौद्योगिकी एवं पौष्टिक आहार के स्त्रोत के रूप में

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Authors

  • Archana Kumari

Keywords:

मशरूम, उत्पादन प्रौद्योगिकी, पौष्टिक आहार, खेती, मांग, पोषक तत्व, प्रोटीन, खपत, औषधीय गुण

Abstract

किसानों की हालत को सुधारने के लिए देश में सरकार द्वारा कई योजनायें चलायी जा रही है तथा किसानों को अधिक से अधिक फायदा पहुंचाने के लिये उन्हें आधुनिक प्रौद्योगिकी द्वारा खेती करने के लिये अग्रसर किया जा रहा है। मशरूम की खेती उन्हीं में से एक है। मशरूम की मांग अधिक, उत्पादन कम है इसलिए भारतीय बाजार मे मशरूम की मांग को देखते हुए किसानों का मशरूम की खेती की ओर रूझान बढ़ने लगा है क्योंकि यह लागत कम और मुनाफा अधिक देती है जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार देखा गया है। मशरूम खाने के भी कई फायदे हैं, इसमें पोषक तत्व और प्रोटीन की प्रचुरता होती है जो स्वस्थ रखने में सहायक होता है। अनेक कृषि विज्ञान केन्द्र और विश्वविद्यालय इसकी खेती के लिए समुचित प्रशिक्षण देती है। भारत में मशरूम के कई प्रजातियों को उगाया जाता है क्योंकि बड़े-बड़े शहरों में इसकी मांग ज्यादा है जिसके कारण इसके खपत में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है। इसमें औषधीय गुण भी पाया जाता है इसलिए इसका उपयोग दवाईयों में भी किया जाता है।

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Published

2021-07-01

How to Cite

[1]
“मशरूम: उत्पादन प्रौद्योगिकी एवं पौष्टिक आहार के स्त्रोत के रूप में: -”, JASRAE, vol. 18, no. 4, pp. 55–58, Jul. 2021, Accessed: Mar. 10, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/13198

How to Cite

[1]
“मशरूम: उत्पादन प्रौद्योगिकी एवं पौष्टिक आहार के स्त्रोत के रूप में: -”, JASRAE, vol. 18, no. 4, pp. 55–58, Jul. 2021, Accessed: Mar. 10, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/13198