स्वतंत्रता संग्राम के विद्रोह में बुंदेलखंड की रियासती योगदान का अध्ययन

Contributions of Bundelkhand's Princely States and Women in the Freedom Struggle

Authors

  • Gunjan Saxena
  • Dr. Ram Naresh Dehulia

Keywords:

स्वतंत्रता संग्राम, बुंदेलखंड, देसी रियासतों, महिलाओं, लक्ष्मीबाई, झलकारी बाई, रानी, वीरता, झांसी, पूरन कोरी

Abstract

स्वतंत्रता संग्राम में बुंदेलखंड की देसी रियासतों और महिलाओं का योगदान याद आते ही सबसे पहला नाम मानस में कौंधता है झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का। जिन्होंने हाथ में तलवार लेकर घोड़े पर सवार होकर और अपने मातृत्व धर्म को निभाते हुए पीठ पर अपने नन्हें बालक को बांधकर युद्ध के मैदान में अपनी वीरता का परिचय दिया। महाराष्ट्र में जन्मी लक्ष्मी बाई जब बुंदेलखंड में झांसी की रानी बनकर आईं तो उसके बाद उन्होंने बुंदेलखंड को पूरी तरह से अपना लिया और उसके प्रति समर्पित हो गईं। झांसी की रक्षा के लिए उन्होंने न केवल अंग्रेजों से लोहा लिया वरन् अपनी जान की बाजी भी लगा दी। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की भांति वीरांगना झलकारी बाई का नाम भी स्वतंत्रता संग्राम में स्वर्ण अक्षरों में लिखा हुआ है। वे एक बहुत छोटे से गांव जिसका नाम था लड़िया, में कोरी परिवार में पैदा हुई थीं। झलकारी का बचपन का नाम झलरिया था। उनके माता-पिता की आर्थिक दशा अत्यंत शोचनीय थी किंतु उन्होंने अपनी बेटी झलकारी का लालन-पालन पूरे ममत्व और लगन से किया। समय आने पर झलकारी बाई का विवाह झांसी में निवास करने वाले पूरन कोरी के साथ हुआ। झांसी में रहते हुए झलकारी बाई रानी लक्ष्मी बाई के संपर्क में आईं। वे लक्ष्मी बाई के व्यक्तित्व से बेहद प्रभावित हुईं। रानी ने भी एक सखी के समान झलकारी बाई को अपनाया। झलकारी बाई ने रानी की वफादारी का हलफ उठाया। ण्क बार उन्होंने अपने पति पूरन कोरी से कहा था कि ‘‘हम पर रानी को एहसान है। हमने उनको नमक खाओ है। हम दिखा देहें के झलकारी का है।’’

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Published

2021-07-01

How to Cite

[1]
“स्वतंत्रता संग्राम के विद्रोह में बुंदेलखंड की रियासती योगदान का अध्ययन: Contributions of Bundelkhand’s Princely States and Women in the Freedom Struggle”, JASRAE, vol. 18, no. 4, pp. 549–555, Jul. 2021, Accessed: Sep. 19, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/13284

How to Cite

[1]
“स्वतंत्रता संग्राम के विद्रोह में बुंदेलखंड की रियासती योगदान का अध्ययन: Contributions of Bundelkhand’s Princely States and Women in the Freedom Struggle”, JASRAE, vol. 18, no. 4, pp. 549–555, Jul. 2021, Accessed: Sep. 19, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/13284