जनजाति समाज की सभ्यता एवं संस्कृति की सामाजिक जानकारी
Exploring the Socio-Cultural Identity of Tribal Communities in India
Keywords:
जनजाति समाज, सभ्यता, संस्कृति, भारत, निवास स्थान, अस्मरणीय परिस्थितियाँ, पत्रकारिता, प्रकाश, अधिकारAbstract
भारत की सभ्यता और संस्कृति अपने आप में एक विशिष्ट पहचान लिए हुए हैं। इसका मुख्य कारण यहां निवास करने वाले व्यक्तियों की सांस्कृतिक गतिविधियों का सामान होना जो अपने आप में अकल्पनीय है और इनकी एकता भारतीय समानता की प्रमाणिकता है। इसलिए भारत देश को अनेकता में एकता वाला देश भी कहा जाता है। भारत में विभिन्न प्रजाति निवास करती हैं। इन प्रजातियों के मिश्रण से भारत को विभिन्न प्रजातियों का निवास स्थान भी कहते हैं। यहां के जंगलों और पहाड़ों में निवास करने वाले कुछ मानवीय समूह आधुनिक समाज के विकास क्रम में अलग रह गए हैं। इन समूहों में विकास की क्रियाः का लाभ फलतः नहीं मिल पा रहा है। इन अस्मरणीय परिस्थितियों में निवास करने वाला यह समूह ,विकास और सभ्यता जैसे बिंदुओं के कारण इनका जीवन अपनी परंपरागत जीवन शैली पर आश्रित है परंतु नई आधुनिक विचारधारा और पत्रकारिता ने इन दुर्गम स्थानों में निवास करने वाले जनजातिय समूह के व्यक्तियों में एक नई प्रकाश की रोशनी दी है जिसके कारण समूह के व्यक्तियों में अधिकारों के प्रति जागरूकता आई है और अपने जीवन को आधुनिक और सभ्य समाज के साथ जोड़ पाने में संभव हो पाए है।Published
2021-07-01
How to Cite
[1]
“जनजाति समाज की सभ्यता एवं संस्कृति की सामाजिक जानकारी: Exploring the Socio-Cultural Identity of Tribal Communities in India”, JASRAE, vol. 18, no. 4, pp. 562–564, Jul. 2021, Accessed: Mar. 10, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/13286
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Section
Articles
How to Cite
[1]
“जनजाति समाज की सभ्यता एवं संस्कृति की सामाजिक जानकारी: Exploring the Socio-Cultural Identity of Tribal Communities in India”, JASRAE, vol. 18, no. 4, pp. 562–564, Jul. 2021, Accessed: Mar. 10, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/13286