महिला हिंसा रोकने में राजनीतिक इच्छाव शक्ति एवं कानून का क्रियान्वकयन
भारत माता: महिला हिंसा और समाजीकरण
Keywords:
महिला हिंसा, राजनीतिक इच्छाव शक्ति, कानून, समाजीकरण, बलात्कारAbstract
हमारे देश को भी भारत माता कहा जाता है। तो जब पुरुष अकेली स्त्री की उपस्थिति में होता है तो ये सभी शुद्ध भावनाएँ कहाँ गायब हो जाती हैं? क्या एक आदमी को एक राक्षस में बदल देता है, एक लड़की को शारीरिक और मानसिक रूप से सबसे गहरे घाव देता है? समाज में क्या खामियां हैं और उसका समाजीकरण उसे बलात्कारी बना देता है। क्या समाज अपराधी है या यह सिर्फ एक जैव-मनोवैज्ञानिक कारक है जिसके परिणामस्वरूप बलात्कार होता है? हाल के वर्षों में देश के विभिन्न हिस्सों में, विशेष रूप से राजधानी शहर में, बलात्कार के मामलों की संख्या में धीरे-धीरे वृद्धि हुई है।Published
2021-07-01
How to Cite
[1]
“महिला हिंसा रोकने में राजनीतिक इच्छाव शक्ति एवं कानून का क्रियान्वकयन: भारत माता: महिला हिंसा और समाजीकरण”, JASRAE, vol. 18, no. 4, pp. 802–807, Jul. 2021, Accessed: Mar. 10, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/13325
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Articles
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[1]
“महिला हिंसा रोकने में राजनीतिक इच्छाव शक्ति एवं कानून का क्रियान्वकयन: भारत माता: महिला हिंसा और समाजीकरण”, JASRAE, vol. 18, no. 4, pp. 802–807, Jul. 2021, Accessed: Mar. 10, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/13325