भारतीय कारागार व्यवस्था एवं कानूनी सुधार
A study on the Indian prison system and legal reforms
Keywords:
भारतीय कारागार व्यवस्था, कानूनी सुधार, लार्ड मैकाले, अनुशासनिक दुर्व्यवस्था, भ्रष्टाचार, नैतिक तथा धार्मिक शिक्षण, समिति, भारत सरकार, प्रतिवेदन, सदाचरणAbstract
भारत में कारागार सुधार का प्रथम प्रयास सन् 1835 ई. से प्रारम्भ होता है। इसी वर्ष लार्ड मैकाले ने भारत सरकार का ध्यान भारतीय जेलों की खराब स्थिति की ओर आकृष्ट किया और उनके सुझाव के आधार पर जेलों की स्थिति का अध्ययन करने के लिए 27 जनवरी 1836 ई. को एक समिति नियुक्त की गयी, जिसने अपना प्रतिवेदन सन् 1838 ई. में प्रस्तुत किया। भारतीय जेलों की दशाओं का अध्ययन करने वाली यह प्रथम समिति थी जिसने अपने प्रतिवेदन में जेलों के निम्नश्रेणी के कर्मचारियों में भ्रष्टाचार, अनुशासनिक दुर्व्यवस्था की ओर संकेत किया परन्तु इस समिति ने अपनी संस्तुतियों में भी सुधारात्मक प्रभावों जैसे नैतिक तथा धार्मिक शिक्षण शिक्षा अथवा सदाचरण के लिए किसी पारितोशिक व्यवस्था आदि को जान-बूझकर अस्वीकार कर दिया क्योकि वह समकालीन प्रतिरोधात्मक विचारों से प्रभावित थी।Published
2021-10-01
How to Cite
[1]
“भारतीय कारागार व्यवस्था एवं कानूनी सुधार: A study on the Indian prison system and legal reforms”, JASRAE, vol. 18, no. 6, pp. 1–6, Oct. 2021, Accessed: Sep. 19, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/13504
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Articles
How to Cite
[1]
“भारतीय कारागार व्यवस्था एवं कानूनी सुधार: A study on the Indian prison system and legal reforms”, JASRAE, vol. 18, no. 6, pp. 1–6, Oct. 2021, Accessed: Sep. 19, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/13504