हरियाणा का कृषि विकास : जिला महेन्द्रगढ का एक अध्ययन (1966-1978)

जमींदारों और किसानों के सहयोग से कृषि विकास: हरियाणा के जिला महेन्द्रगढ का अध्ययन

Authors

  • डॉ० नीरज कुमार

Keywords:

हरियाणा, कृषि विकास, जिला महेन्द्रगढ, अध्ययन, विश्लेषणात्मक, कृषि उत्पादन, हरियाणा सरकार, भूमि, तकनीक, किसान

Abstract

यह शोध लेख हरियाणा राज्य के जिला महेन्द्रगह के कृषि क्षेत्र में हुए विकास का एक विश्लेषणात्मक अध्ययन है । हरियाणा प्रदेश की स्थापना के बाद हरियाणा के साथ-साथ जिला महेन्द्रगढ ने भी कृषि उत्पादन में लगातार बढ़ोतरी की है । इसके लिए हरियाणा सरकार ने जिले में हरियाणा लैण्ड एण्ड री-क्लेमेसन एण्ड डेवलमैण्ट कॉपरेटिव लिमिटिड, चण्डीगढ के माध्यम से जिले की भूमि को कृषि योग्य बनाया गया । हरित क्रान्ति आने के पश्चात्‌ जिले में आधुनिक तकनीक से निर्मित औजार प्रयोग किये गए, सिंचाई-परियोजनाओं के द्वारा भी कृषि भूमि को लगातार सिचिंत किया गया । इसके अतिरिक्त जिले के जमींदारों व किसानों के द्वारा किए गए प्रयासों से भी कृषि उत्पादन लगातार वृद्धि हुई । जिसके परिणामस्वरूप जिले के कृषि उत्पादन में वर्ष 966 से 978 तक 46 प्रतिशत की वृद्धि हुई ।

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Published

2023-04-08

How to Cite

[1]
“हरियाणा का कृषि विकास : जिला महेन्द्रगढ का एक अध्ययन (1966-1978): जमींदारों और किसानों के सहयोग से कृषि विकास: हरियाणा के जिला महेन्द्रगढ का अध्ययन”, JASRAE, vol. 20, no. 2, pp. 145–147, Apr. 2023, Accessed: Sep. 19, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/14357

How to Cite

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“हरियाणा का कृषि विकास : जिला महेन्द्रगढ का एक अध्ययन (1966-1978): जमींदारों और किसानों के सहयोग से कृषि विकास: हरियाणा के जिला महेन्द्रगढ का अध्ययन”, JASRAE, vol. 20, no. 2, pp. 145–147, Apr. 2023, Accessed: Sep. 19, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/14357