धर्म और समाज पर डॉ अम्बेडकर के विचार

Authors

  • डॉ. विकास कुमार सहायक आचार्य, इतिहास (vsy) श्री गोविन्द गुरु राजकीय महाविद्यालय, बांसवाड़ा

Keywords:

धर्म, समाज, डॉ अम्बेडकर, विचार, आशा, दृढ विश्वास, आपस में जुड़े हुए, आवश्यक, स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व, न्याय, सच्चा धर्म

Abstract

धर्म मनुष्य में आशा और दृढ विश्वास उत्पन्न करता है . धर्म और समाज आपस में जुड़े हुए है ,धर्म मनुष्य के लिए आवश्यक माना गया है . धर्म के नाम पर किसी आडम्बर या पाखंड को स्वीकार नही किया जा सकता . स्वतंत्रता ,समानता , बंधुत्व और न्याय पर आधारित धर्म ही सच्चा धर्म है

References

धनन्जय कीर : डॉ . अम्बेडकर लाइफ एंड मिशन (१९६२)

डॉ बी आर अम्बेडकर : राइटिंग एंड स्पीचेज ,वोल .३ (१९८७)

डॉ बी आर अम्बेडकर : राइटिंग एंड स्पीचेज ,वोल .४ (१९८७)

डॉ डी आर जाटव : डॉ अम्बेडकर का धर्म दर्शन (१९९३)

चांगदेव खेरमोड़े : डॉ अम्बेडकर जीवन और चिंतन

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Published

2023-07-01

How to Cite

[1]
“धर्म और समाज पर डॉ अम्बेडकर के विचार”, JASRAE, vol. 20, no. 3, pp. 84–85, Jul. 2023, Accessed: Dec. 21, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/14463

How to Cite

[1]
“धर्म और समाज पर डॉ अम्बेडकर के विचार”, JASRAE, vol. 20, no. 3, pp. 84–85, Jul. 2023, Accessed: Dec. 21, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/14463