मुगल शासन का स्वरूप एवं उपलब्धियाँ : एक अध्ययन

भारतीय इतिहास में मुगल शासन का स्वरूप और उपलब्धियाँ

Authors

  • बिनोद कुमार साव शोधार्थी, लोक प्रशासन विभाग, मगध विश्वविद्यालय, बोधगया

Keywords:

मुगल शासन, स्वरूप, उपलब्धियाँ, अध्ययन, मंगोल

Abstract

प्रस्तुत अध्ययन ‘‘मुगल शासन का स्वरूप एवं उपलब्धियाँ एक अध्ययन’’ का अध्ययन है। मुगल नाम मंगोल से व्युत्पन्न हुआ है। यद्यपि आज यह नाम एक साम्राज्य की भव्यता का अहसास कराता है लेकिन राजवंश वेफ शासकों ने स्वयं के लिए यह नाम नहीं चुना था। उन्होंने अपने को तैमूरी कहा क्योंकि पितृपक्ष से वे तुर्की शासक तैमूर के वंशज थे। पहला मुगल शासक बाबर मातृपक्ष से चंगेज खाँ का संबंधी था। वह तुर्की बोलता था और उसने मंगोलों का उपहास करते हुए उन्हें बर्बर गिरोह के रूप में उल्लिखित किया है।

References

जयशंकर मिश्र, प्राचीन भारत का सामाजिक इतिहास, बिहार हिंदी ग्रंथ अकादमी, पटना, 2002, पृ0 54

वही पृ0 56

दामोदर धर्मानंद कोसांबी, प्राचीन भारत की संस्कृति और सभ्यता, राजकमल प्रकाशन प्रा। लिमिटेड, नई दिल्ली, 2002 पृ0 12

वही पृ0 16

रोमिला थापर, भारत का इतिहास, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, 1996 पृ0 58

शर्मा कालू राम, मध्यकालीन भारत का इतिहास, 2000 पृ0 20

वही पृ0 22 ।

Downloads

Published

2023-07-01

How to Cite

[1]
“मुगल शासन का स्वरूप एवं उपलब्धियाँ : एक अध्ययन: भारतीय इतिहास में मुगल शासन का स्वरूप और उपलब्धियाँ”, JASRAE, vol. 20, no. 3, pp. 140–143, Jul. 2023, Accessed: Sep. 29, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/14471

How to Cite

[1]
“मुगल शासन का स्वरूप एवं उपलब्धियाँ : एक अध्ययन: भारतीय इतिहास में मुगल शासन का स्वरूप और उपलब्धियाँ”, JASRAE, vol. 20, no. 3, pp. 140–143, Jul. 2023, Accessed: Sep. 29, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/14471