गठबंधन की सरकार और विकसित भारत २०४७ की संकल्पना
DOI:
https://doi.org/10.29070/e3cjq114Keywords:
गठबंधन सरकारें, विकसित राष्ट्र, भारतीय राजनीतिक व्यवस्था, आर्थिक सुधार, डिजिटल और इंडिया आर्थिक सशक्तिकरणAbstract
यह अध्ययन भारत की स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के संदर्भ में गठबंधन सरकारों की भूमिका का विश्लेषण करता है। गठबंधन सरकारें भारतीय राजनीतिक व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं।
गठबंधन की सरकार भारतीय राजनीतिक व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। गठबंधन सरकारें आमतौर पर तब बनती हैं जब कोई एकल पार्टी पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर पाती है। यह अध्ययन गठबंधन की सरकारों के प्रभाव का विश्लेषण करेगा और यह देखेगा कि कैसे यह भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने में सहायता कर सकती है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है, जिसमें आर्थिक विकास, सामाजिक सुधार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति, और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में सुधार शामिल हैं।
गठबंधन सरकारें आर्थिक सुधारों, औद्योगिक विकास, और विदेशी निवेश को प्रोत्साहित कर सकती हैं, जैसा कि 'मेक इन इंडिया' पहल और 1991 के आर्थिक सुधारों ने प्रदर्शित किया है। सामाजिक सुधारों में, गठबंधन सरकारें शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। 'सर्व शिक्षा अभियान' और 'आयुष्मान भारत' जैसी योजनाएँ इसके उदाहरण हैं।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी में, गठबंधन सरकारें अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने और डिजिटल तकनीकों के उपयोग को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण हैं। 'इंडो-यूएस साइंस एंड टेक्नोलॉजी फोरम' और 'डिजिटल इंडिया' पहल इसके उदाहरण हैं। अंतरराष्ट्रीय संबंधों में, गठबंधन सरकारें द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करने और अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं, जैसे कि BRICS और सार्क में भारत की सक्रिय भागीदारी और 'इंडिया इन्वेस्टमेंट ग्रिड'।
निष्कर्षतः, गठबंधन सरकारें भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। यह लक्ष्य आर्थिक, सामाजिक, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में सुधार के समन्वित प्रयासों से प्राप्त किया जा सकता है। इन प्रयासों के माध्यम से, भारत न केवल आर्थिक रूप से सशक्त बनेगा, बल्कि वैश्विक मंच पर एक प्रमुख शक्ति के रूप में उभरेगा।
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