वैदिक काल में विवाह पद्धति

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Authors

  • Jamuna Lal Meena

Keywords:

वैदिक काल, विवाह पद्धति, अवधारणा, सर्वव्यापी, सार्वभौम, सस्था, सभ्यता, समाज, प्रतिष्ठा, क्रमिक विकास

Abstract

विवाह की अवधारणा-विवाह एक सर्वव्यापी और सार्वभौम संस्था है, जो सभी समाजों में विद्यमान है। असभ्य और सभ्य तथा आदिम और आद्युनातन जैसे समाज विवाह-संस्था से सम्बन्ध रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि विवाह संस्था की प्रतिष्ठा क्रमिक विकास का परिणाम है।

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Published

2013-07-01

How to Cite

[1]
“वैदिक काल में विवाह पद्धति: -”, JASRAE, vol. 6, no. 11, pp. 1–8, Jul. 2013, Accessed: Jun. 09, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/4950

How to Cite

[1]
“वैदिक काल में विवाह पद्धति: -”, JASRAE, vol. 6, no. 11, pp. 1–8, Jul. 2013, Accessed: Jun. 09, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/4950