स्त्री विमर्श: एक समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण
समाज के समझने और साहित्य के सम्बन्ध का विश्लेषण
Keywords:
स्त्री विमर्श, समाजशास्त्र, साहित्य, समाज, सभ्यताAbstract
साहित्य के समाजशास्त्र के अन्तर्गत समाज से साहित्य के सम्बन्ध का विवेचन करने वाले दो तरह के विचारक हैं। एक वे हैं जो समाज के समझने के लिए साहित्य का उपयोग करते हैं और दूसरे साहित्य का समझने के लिए समाजशास्त्रीय दृष्टिकाण अपनाते हैं। वे महान साहित्य और लोकप्रिय साहित्य का समान महत्व देते हैं।Published
2015-04-01
How to Cite
[1]
“स्त्री विमर्श: एक समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण: समाज के समझने और साहित्य के सम्बन्ध का विश्लेषण”, JASRAE, vol. 9, no. 18, pp. 0–0, Apr. 2015, Accessed: Jul. 09, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/5621
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Articles
How to Cite
[1]
“स्त्री विमर्श: एक समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण: समाज के समझने और साहित्य के सम्बन्ध का विश्लेषण”, JASRAE, vol. 9, no. 18, pp. 0–0, Apr. 2015, Accessed: Jul. 09, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/5621