टेलीविजन और हिन्दी भाषा: एक विवेचन

भाषा और तकनीक का खेल: टेलीविजन और हिन्दी भाषा में विद्वत्ता और अभिव्यक्ति

Authors

  • Dr. Reena Devi Gora

Keywords:

टेलीविजन, हिन्दी भाषा, अभिव्यक्ति, विद्वत्ता, संसाधन

Abstract

मानव समय समय पर अपनी अभिव्यक्ति, विद्वत्ता प्रदद्र्दान एवं ज्ञान के वृध्दि के लिए नए-नए संसाधनों की खोज में अविरत रूप से संघर्षरत रहा। उन सब के परिणामस्वरुप जितने भी साधन मानव इतिहास में आज तक निर्मित हुए, वे उसके तकनीकि एवं अभिव्यक्त्यात्मक विकास के परिचायक है। अपनी मस्तिष्क की प्रौढ़ता एवं अभिव्यक्ति की छटपटाहट ने संचार तथा सूचना साधनों में वृध्दि की है। अपनी भाषा के अनुरुप तकनीक विकसित की तो कभी तकनीक के अनुरुप भाषा का निर्माण किया। ऐसा भाषा और तकनीक का खेल हमेशा ही चलता आ रहा है।

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Published

2016-04-01

How to Cite

[1]
“टेलीविजन और हिन्दी भाषा: एक विवेचन: भाषा और तकनीक का खेल: टेलीविजन और हिन्दी भाषा में विद्वत्ता और अभिव्यक्ति”, JASRAE, vol. 11, no. 21, pp. 0–0, Apr. 2016, Accessed: Aug. 06, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/5929

How to Cite

[1]
“टेलीविजन और हिन्दी भाषा: एक विवेचन: भाषा और तकनीक का खेल: टेलीविजन और हिन्दी भाषा में विद्वत्ता और अभिव्यक्ति”, JASRAE, vol. 11, no. 21, pp. 0–0, Apr. 2016, Accessed: Aug. 06, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/5929