भारतीय संविधान में वर्णित नागरिकों के मौलिक अधिकार
भारतीय संविधान में वर्णित नागरिकों के मौलिक अधिकार: लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण परिचय
Keywords:
भारतीय संविधान, वर्णित नागरिकों, मौलिक अधिकार, लोकतांत्रिक व्यवस्था, व्यक्ति, स्वतंत्रता, व्यक्तित्व, न्यायपालिका, राज्य, लोकतंत्रAbstract
लोकतांत्रिक व्यवस्था में मौलिक अधिकार वे अधिकार हैं, जो किसी व्यक्ति के जीवन, स्वतंत्रता एवं उसके सम्पूर्ण व्यक्तित्व के समुचित एवं बहुमुखी विकास हेतु अनिवार्य हैं, जिन्हें राज्य के विरुद्ध न्यायपालिका का संरक्षण प्राप्त होता है। इन अधिकारों के अभाव में लोकतंत्र मात्र एक कल्पना ही सिद्ध होगा।Published
2017-01-01
How to Cite
[1]
“भारतीय संविधान में वर्णित नागरिकों के मौलिक अधिकार: भारतीय संविधान में वर्णित नागरिकों के मौलिक अधिकार: लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण परिचय”, JASRAE, vol. 12, no. 2, pp. 1506–1509, Jan. 2017, Accessed: Aug. 07, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/6454
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[1]
“भारतीय संविधान में वर्णित नागरिकों के मौलिक अधिकार: भारतीय संविधान में वर्णित नागरिकों के मौलिक अधिकार: लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण परिचय”, JASRAE, vol. 12, no. 2, pp. 1506–1509, Jan. 2017, Accessed: Aug. 07, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/6454