भारतीय संविधान में वर्णित नागरिकों के मौलिक अधिकार

भारतीय संविधान में वर्णित नागरिकों के मौलिक अधिकार: लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण परिचय

Authors

  • Suman Devi
  • Dr. Mahender Singh Khichar

Keywords:

भारतीय संविधान, वर्णित नागरिकों, मौलिक अधिकार, लोकतांत्रिक व्यवस्था, व्यक्ति, स्वतंत्रता, व्यक्तित्व, न्यायपालिका, राज्य, लोकतंत्र

Abstract

लोकतांत्रिक व्यवस्था में मौलिक अधिकार वे अधिकार हैं, जो किसी व्यक्ति के जीवन, स्वतंत्रता एवं उसके सम्पूर्ण व्यक्तित्व के समुचित एवं बहुमुखी विकास हेतु अनिवार्य हैं, जिन्हें राज्य के विरुद्ध न्यायपालिका का संरक्षण प्राप्त होता है। इन अधिकारों के अभाव में लोकतंत्र मात्र एक कल्पना ही सिद्ध होगा।

Downloads

Published

2017-01-01

How to Cite

[1]
“भारतीय संविधान में वर्णित नागरिकों के मौलिक अधिकार: भारतीय संविधान में वर्णित नागरिकों के मौलिक अधिकार: लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण परिचय”, JASRAE, vol. 12, no. 2, pp. 1506–1509, Jan. 2017, Accessed: Aug. 07, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/6454

How to Cite

[1]
“भारतीय संविधान में वर्णित नागरिकों के मौलिक अधिकार: भारतीय संविधान में वर्णित नागरिकों के मौलिक अधिकार: लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण परिचय”, JASRAE, vol. 12, no. 2, pp. 1506–1509, Jan. 2017, Accessed: Aug. 07, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/6454