छत्तीसगढ़ी लोकगीतों की विशेषताएँ एक अध्ययन

A Study on the Characteristics of Chhattisgarhi Folk Songs

Authors

  • Dr. Ekta Kaushik

Keywords:

छत्तीसगढ़ी, लोकगीत, विशेषताएँ, मुक्तक-शैली, ददरिया-गीत, प्रबंध-गीत, गोपल्ला गीत, रायसिंह, राजा वीरसिंह, लंबे कथात्मक गीत, पराक्रम, विजय, वार्तालाप-शैली, विवाह-गीत, पुनरावृत्ति-शैली, लोक-साहित्य, हिंदी

Abstract

छत्तीसगढ़ी लोकगीतों का क्षेत्र बहुत व्यापक है, इसमें एक ओर मुक्तक-शैली के सदाबहार ददरिया-गीत मिलते हैं, तो दूसरी ओर प्रबंध-गीतों के अंतर्गत गोपल्ला गीत, रायसिंह का पवारा तथा राजा वीरसिंह की कांहनी जैसे लंबे कथात्मक गीत भी मिलते हैं, जिसमें पराक्रम और विजय का अद्भुत वर्णन है। वार्तालाप-शैली का निर्वाह ददरिया-गीतों में बखूबी मिलता हैं। विवाह-गीतों में पुनरावृत्ति-शैली के दर्शन सहज ही किए जा सकते हैं। लोक- साहित्य का सर्वाधिक महत्वपूर्ण अंश लोकगीतों के रूप में प्राप्त होता हैं।

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Published

2017-01-01

How to Cite

[1]
“छत्तीसगढ़ी लोकगीतों की विशेषताएँ एक अध्ययन: A Study on the Characteristics of Chhattisgarhi Folk Songs”, JASRAE, vol. 12, no. 2, pp. 1696–1701, Jan. 2017, Accessed: Aug. 07, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/6485

How to Cite

[1]
“छत्तीसगढ़ी लोकगीतों की विशेषताएँ एक अध्ययन: A Study on the Characteristics of Chhattisgarhi Folk Songs”, JASRAE, vol. 12, no. 2, pp. 1696–1701, Jan. 2017, Accessed: Aug. 07, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/6485