पूर्व प्राथमिक शिक्षा में बस्तों का बढ़ता बोझ एवं स्वास्थ्य
बच्चों के शिक्षा में खेल और स्वास्थ्य का महत्व
Keywords:
पूर्व प्राथमिक शिक्षा, बस्तों, बोझ, स्वास्थ्य, विद्यालय, शिक्षाशास्त्री फ्रावेल, बालोद्यान, गुण, खेलों, थकानAbstract
पूर्व प्राथमिक शिक्षा के जन्मदाता जर्मनी के विख्यात् शिक्षा शास्त्री फ्रावेल को माना जाता है। इन्होंने सन् 1837 में जर्मनी के ब्लेकनवर्ग नामक ग्राम में प्रथम पूर्व प्राथमिक विद्यालय का अथवा बालोद्यान की स्थापना की थी। इन्होंने पूर्व प्राथमिक शिक्षा को यह नाम बच्चों के गुणों के आधार पर रखने का सोचा। एक छोटा बच्चा मां की गोद से उठकर एक संस्था में शिक्षिका रूपी मां की गोद मंे आता है। ऐसे में यदि उस पर प्यार-दुलार एवं खेलों को छोड़कर पुस्तकों का बोझ डाला जाता है, तो उसे विद्यालय में थकान महसूस होने लगी है। अतः आवश्यक है कि ऐसे समय में विद्यालय में भी उसे लाड़ दुलार दिया जाए और उसके अन्दर जन्म से प्राप्त गुणों को बाहर निकालने का प्रयास किया जाए।Published
2017-04-01
How to Cite
[1]
“पूर्व प्राथमिक शिक्षा में बस्तों का बढ़ता बोझ एवं स्वास्थ्य: बच्चों के शिक्षा में खेल और स्वास्थ्य का महत्व”, JASRAE, vol. 13, no. 1, pp. 187–188, Apr. 2017, Accessed: Jul. 24, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/6531
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Articles
How to Cite
[1]
“पूर्व प्राथमिक शिक्षा में बस्तों का बढ़ता बोझ एवं स्वास्थ्य: बच्चों के शिक्षा में खेल और स्वास्थ्य का महत्व”, JASRAE, vol. 13, no. 1, pp. 187–188, Apr. 2017, Accessed: Jul. 24, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/6531