हिन्दी साहित्यिक पत्रकारिता में राष्ट्रीय भावना के विभिन्न स्वरूप

The Various Forms of National Sentiment in Hindi Literary Journalism

Authors

  • Dr. Saryu Sharma
  • Dr. Leena Goyal

Keywords:

हिन्दी साहित्यिक पत्रकारिता, राष्ट्रीय भावना, जन्म, स्वाधीनता, संचार, स्वदेश प्रेम, प्रतिरोध, पत्रकारिता, देश प्रेम, स्वतंत्रता प्राप्ति

Abstract

हिन्दी पत्रकारिता का जन्म, स्वाधीनता का संचार, स्वदेश प्रेम का उदय एवं आंग्ल शासन के प्रबल प्रतिरोध हेतु हुआ। इस देश के लगभग सभी मनिषियों ने पत्रकारिता को देश प्रेम के विकास का और स्वतंत्रता प्राप्ति का प्रधान साधन मन था। सत्यप्रियता सत्यकथन अन्याय विरोध के बाद राष्ट्र प्रेम ही वह प्रमुख मूल्य है, जिससे भारतीय पत्रकारिता परवान चढ़ी।

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Published

2017-07-01

How to Cite

[1]
“हिन्दी साहित्यिक पत्रकारिता में राष्ट्रीय भावना के विभिन्न स्वरूप: The Various Forms of National Sentiment in Hindi Literary Journalism”, JASRAE, vol. 13, no. 2, pp. 887–889, Jul. 2017, Accessed: Jun. 01, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/6922

How to Cite

[1]
“हिन्दी साहित्यिक पत्रकारिता में राष्ट्रीय भावना के विभिन्न स्वरूप: The Various Forms of National Sentiment in Hindi Literary Journalism”, JASRAE, vol. 13, no. 2, pp. 887–889, Jul. 2017, Accessed: Jun. 01, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/6922