समकालीन हिन्दी उपन्यासकारों की द्रष्टि में समाज, धर्म और सम्प्रदाय
-
Keywords:
समकालीन हिन्दी उपन्यासकारों, समाज, धर्म, सम्प्रदाय, भारतAbstract
भारत एक ऐसा देश है जहां धार्मिक विविधता और धार्मिक सहिष्णुता को कानून तथा समाज, दोनों द्वारा मान्यता प्रदान की गयी है। भारत के पूर्ण इतिहास के दौरान धर्म का यहां की संस्कृति में एक महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है। भारत विश्व की चार प्रमुख धार्मिक परम्पराओं का जन्मस्थान है - हिंदू धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म तथा सिक्ख धर्म। भारतीयों का एक विशाल बहुमत स्वयं को किसी न किसी धर्म से संबंधित अवश्य बताता है।Published
2017-10-06
How to Cite
[1]
“समकालीन हिन्दी उपन्यासकारों की द्रष्टि में समाज, धर्म और सम्प्रदाय: -”, JASRAE, vol. 14, no. 1, pp. 619–620, Oct. 2017, Accessed: Jul. 24, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/7053
Issue
Section
Articles
How to Cite
[1]
“समकालीन हिन्दी उपन्यासकारों की द्रष्टि में समाज, धर्म और सम्प्रदाय: -”, JASRAE, vol. 14, no. 1, pp. 619–620, Oct. 2017, Accessed: Jul. 24, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/7053