समकालीन हिन्दी उपन्यासकारों की द्रष्टि में समाज, धर्म और सम्प्रदाय

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Authors

  • Manoj Bala Chauhan
  • Dr. Harish Chandra Pathak

Keywords:

समकालीन हिन्दी उपन्यासकारों, समाज, धर्म, सम्प्रदाय, भारत

Abstract

भारत एक ऐसा देश है जहां धार्मिक विविधता और धार्मिक सहिष्णुता को कानून तथा समाज, दोनों द्वारा मान्यता प्रदान की गयी है। भारत के पूर्ण इतिहास के दौरान धर्म का यहां की संस्कृति में एक महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है। भारत विश्व की चार प्रमुख धार्मिक परम्पराओं का जन्मस्थान है - हिंदू धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म तथा सिक्ख धर्म। भारतीयों का एक विशाल बहुमत स्वयं को किसी न किसी धर्म से संबंधित अवश्य बताता है।

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Published

2017-10-06

How to Cite

[1]
“समकालीन हिन्दी उपन्यासकारों की द्रष्टि में समाज, धर्म और सम्प्रदाय: -”, JASRAE, vol. 14, no. 1, pp. 619–620, Oct. 2017, Accessed: Jul. 25, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/7053

How to Cite

[1]
“समकालीन हिन्दी उपन्यासकारों की द्रष्टि में समाज, धर्म और सम्प्रदाय: -”, JASRAE, vol. 14, no. 1, pp. 619–620, Oct. 2017, Accessed: Jul. 25, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/7053