महात्मा गाँधी के जीवन दर्शन और उनके विभिन्न आयाम

An Analysis of Mahatma Gandhi's Life Ideals and their Various Dimensions

Authors

  • Gaurav Suman
  • Dr. Ramakant Sharma

Keywords:

महात्मा गाँधी, जीवन दर्शन, विभिन्न आयाम, शिक्षा, समाज में समता, विवेक, सोच की शक्ति, संगठन, मानव जीवन, बाधाएं, पुरातन दृष्टिकोण, आधुनिक समस्याएं

Abstract

महात्मा गाँधी सादा जीवन एवं उच्च विचार रखने वाले एक सरल व्यक्तित्व के स्वामी थे। उन्होंने लोकतन्त्र की सफलता के लिए शिक्षा को आवश्यक माना तथा शिक्षा के लिए लोक भाषा (मातृभाषा) को। वे शिक्षा के माध्यम से समाज में समता लाना चाहते थे। जब मनुष्य शिक्षित हो जाता है-तब उसमें विवेक तथा सोच की शक्ति पैदा हो जाती है। शिक्षित व्यक्ति ही एकता के सूत्र में आबद्ध होकर संगठन का निर्माण करते है। महात्मा गाँधी के जीवन-दर्शन में वे सारी बुनियादी और व्यावहारिक बातें शामिल है, जो मानव जीवन को श्रेष्ठतर बनाती हैं। जीवन के प्रति उनका दृष्टिकोण न केवल स्वस्थ था, बल्कि ऐसी प्रक्रिया का प्रारम्भ था, जिसको जीवन में उतारकर सभ्यता का जीवन-दर्शन कोरी आध्यात्मिक का पृष्ठिपोषण नहीं था, बल्कि मानव जीवन में आनेवाली समस्याओं और परिस्थितियों के सन्दर्भ में एक समुचित कदम था। वस्तुतः गाँधीजी के जीवन-दर्शन एवं दार्शनिक चिन्तन के द्वारा मानव जीवन की कठिनाइयों एवं बाधाओं के प्रति एक नूतन दृष्टिकोण का विश्लेषण अथवा पुरातन दृष्टिकोण का पुर्नमूल्यांकन करते हुए आधुनिक समस्याओं के लिए पुराना हल अथवा निदान प्रस्तुत किया है।

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Published

2017-10-06

How to Cite

[1]
“महात्मा गाँधी के जीवन दर्शन और उनके विभिन्न आयाम: An Analysis of Mahatma Gandhi’s Life Ideals and their Various Dimensions”, JASRAE, vol. 14, no. 1, pp. 860–864, Oct. 2017, Accessed: Jul. 23, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/7104

How to Cite

[1]
“महात्मा गाँधी के जीवन दर्शन और उनके विभिन्न आयाम: An Analysis of Mahatma Gandhi’s Life Ideals and their Various Dimensions”, JASRAE, vol. 14, no. 1, pp. 860–864, Oct. 2017, Accessed: Jul. 23, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/7104