अविवेकपूर्ण नगर नियोजन व पेयजल संकट (भीलवाड़ा नगर का विशेष अध्ययन)
Exploring the Challenges of Unplanned Urbanization and Water Crisis in Bhilwara City
Keywords:
अविवेकपूर्ण नगर नियोजन, पेयजल संकट, भीलवाड़ा नगर, विशेष अध्ययन, नगर मानवAbstract
प्राचीनकाल से ही नगर मानव की विकास यात्रा के प्रतीक रहे हैं। नगरों की अवधारणा के पीछे अपने यायावर जीवन को स्थायित्व व समग्र सुरक्षा मानव का प्रमुख ध्येय रहा है। यह तथ्य प्रमाणित है कि स्थान विशेष की भौगोलिक विशिष्ठताऐं मानव को लौकिक व परालौलिक गतिविधियों हेतु आकर्षित करती है और कालान्तर में वही तत्व उस नगर की उपादेयता व प्रासंगिकता को भी तय करते हैं। इतिहास गवाह है कि मानव की लौकिक विकास की भूख ने ही नगरों के कार्यिक विशिष्टताओं के मार्ग खोले हैं।Published
2017-10-06
How to Cite
[1]
“अविवेकपूर्ण नगर नियोजन व पेयजल संकट (भीलवाड़ा नगर का विशेष अध्ययन): Exploring the Challenges of Unplanned Urbanization and Water Crisis in Bhilwara City”, JASRAE, vol. 14, no. 1, pp. 923–927, Oct. 2017, Accessed: Jul. 23, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/7118
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Articles
How to Cite
[1]
“अविवेकपूर्ण नगर नियोजन व पेयजल संकट (भीलवाड़ा नगर का विशेष अध्ययन): Exploring the Challenges of Unplanned Urbanization and Water Crisis in Bhilwara City”, JASRAE, vol. 14, no. 1, pp. 923–927, Oct. 2017, Accessed: Jul. 23, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/7118