कबीर के पदों में ईश्वर भक्ति और नैतिकता
Exploring the Mystical and Ethical Dimensions of Kabir's Padas
Keywords:
कबीर, ईश्वर भक्ति, नैतिकता, दोहे, व्याख्याAbstract
संत कबीर का जीवन कठिनाइयों से भरा हुआ था परंतु फिर भी उन्होंने समाज में फैली कुरीतियों को मिटाने के लिए जीवन के अंतिम क्षणों तक प्रयत्न किया। संत कबीर समाज में फैले आडंबर और अंधविश्वास को मिटाने के लिए दोहे और पद की रचना करते थे जिनका सीधा उद्देश्य कुरीतियों पर वार करना था।उनके दोहे और साथिया आज के युग में भी समान तरीके से लाभदायक है। क्योंकि आज भी समाज में बहुत से आडंबर और अंधविश्वास फैले हैं जिन्हें मिटाना बहुत जरूरी है। आपको हमारे लिखे गए इस लेख में ना सिर्फ कबीर के दोहे और साखियां पढ़ने को मिलेंगे बल्कि उनकी संपूर्ण व्याख्या भी प्राप्त होगी।Published
2017-10-06
How to Cite
[1]
“कबीर के पदों में ईश्वर भक्ति और नैतिकता: Exploring the Mystical and Ethical Dimensions of Kabir’s Padas”, JASRAE, vol. 14, no. 1, pp. 1040–1044, Oct. 2017, Accessed: Jul. 23, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/7142
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Articles
How to Cite
[1]
“कबीर के पदों में ईश्वर भक्ति और नैतिकता: Exploring the Mystical and Ethical Dimensions of Kabir’s Padas”, JASRAE, vol. 14, no. 1, pp. 1040–1044, Oct. 2017, Accessed: Jul. 23, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/7142