कबीर के पदों में ईश्वर भक्ति और नैतिकता

Exploring the Mystical and Ethical Dimensions of Kabir's Padas

Authors

  • Dr. Asha Tiwari Ojha

Keywords:

कबीर, ईश्वर भक्ति, नैतिकता, दोहे, व्याख्या

Abstract

संत कबीर का जीवन कठिनाइयों से भरा हुआ था परंतु फिर भी उन्होंने समाज में फैली कुरीतियों को मिटाने के लिए जीवन के अंतिम क्षणों तक प्रयत्न किया। संत कबीर समाज में फैले आडंबर और अंधविश्वास को मिटाने के लिए दोहे और पद की रचना करते थे जिनका सीधा उद्देश्य कुरीतियों पर वार करना था।उनके दोहे और साथिया आज के युग में भी समान तरीके से लाभदायक है। क्योंकि आज भी समाज में बहुत से आडंबर और अंधविश्वास फैले हैं जिन्हें मिटाना बहुत जरूरी है। आपको हमारे लिखे गए इस लेख में ना सिर्फ कबीर के दोहे और साखियां पढ़ने को मिलेंगे बल्कि उनकी संपूर्ण व्याख्या भी प्राप्त होगी।

Downloads

Published

2017-10-06

How to Cite

[1]
“कबीर के पदों में ईश्वर भक्ति और नैतिकता: Exploring the Mystical and Ethical Dimensions of Kabir’s Padas”, JASRAE, vol. 14, no. 1, pp. 1040–1044, Oct. 2017, Accessed: Jul. 23, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/7142

How to Cite

[1]
“कबीर के पदों में ईश्वर भक्ति और नैतिकता: Exploring the Mystical and Ethical Dimensions of Kabir’s Padas”, JASRAE, vol. 14, no. 1, pp. 1040–1044, Oct. 2017, Accessed: Jul. 23, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/7142