शासकीय एवं अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों के समायोजन का तुलनात्मक अध्ययन
शिक्षा एवं सामाजिक प्रभाव का अध्ययन: शासकीय और गैर-शासकीय माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों के समायोजन
Keywords:
शासकीय एवं अशासकीय माध्यमिक विद्यालय, विद्यार्थियों, समायोजन, पारिवारिक संघर्ष, मानसिक तनावAbstract
वर्तमान समय में जिन किशोरों को पारिवारिक संघर्ष का सामना करना पड़ता है, जिसके कारण उनका समायोजन विद्यालय, प्राचार्यों, शिक्षकों एवं अपनी मित्र मंडली एवं अपने आस-पास के वातावरण से उनमें मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है। पारिवारिक संघर्ष के कारण उनमें निराशा, अवसाद सामाजिक अलगाव, विद्यालयों में लगातार असफलता, असहयोग सहानुभूतिपूर्वक वातावरण न मिलना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिसके कारण उनमें कुसमायोजन की स्थिति पैदा हो जाती है। जिससे वे हर क्षेत्र में जैसे शैक्षिक, सामाजिक, संवेगात्मक रूप से पिछड़ने लगते हैं। इन विषम परिस्थितियों में समायोजन ही एक मात्र सफलता का मार्ग प्रशस्त करता है।Published
2018-01-01
How to Cite
[1]
“शासकीय एवं अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों के समायोजन का तुलनात्मक अध्ययन: शिक्षा एवं सामाजिक प्रभाव का अध्ययन: शासकीय और गैर-शासकीय माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों के समायोजन”, JASRAE, vol. 14, no. 2, pp. 541–546, Jan. 2018, Accessed: Oct. 18, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/7260
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Articles
How to Cite
[1]
“शासकीय एवं अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों के समायोजन का तुलनात्मक अध्ययन: शिक्षा एवं सामाजिक प्रभाव का अध्ययन: शासकीय और गैर-शासकीय माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों के समायोजन”, JASRAE, vol. 14, no. 2, pp. 541–546, Jan. 2018, Accessed: Oct. 18, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/7260