सामाजिक परिवर्तनः- कमजोर वर्ग की परिवर्तित संवैधानिक परिस्थितियाँ

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Authors

  • Gaurav Chaudhary

Keywords:

सामाजिक परिवर्तन, कमजोर वर्ग, संवैधानिक परिस्थितियाँ, विविधताऐं, जनसंख्या, धर्म, भाषा, जाति, बहुल्यतावाद

Abstract

भारत न केवल एक विशाल देश है, बल्कि एक विकासशील बहुसांस्कृतिक लोकतंत्र भी है, जहां अनैक विविधताऐं देखने को मिलती है। इन विविधताओं में सामाजिक परिवर्तन का काम करना अत्यधिक जटिल एवं समस्यात्मक होता है। हमारे देश के विशाल क्षेत्र को देखते हुए जनसंख्या, धर्म, भाषा, जाति आदि में बहुल्यतावाद देखने को मिलता है। इन सभी पहलुओ को ध्यान में रखते हुए सामाजिक परिवर्तन का कार्य करने का प्रयास करना चाहिए।

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Published

2018-01-01

How to Cite

[1]
“सामाजिक परिवर्तनः- कमजोर वर्ग की परिवर्तित संवैधानिक परिस्थितियाँ: -”, JASRAE, vol. 14, no. 2, pp. 1949–1952, Jan. 2018, Accessed: Oct. 18, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/7495

How to Cite

[1]
“सामाजिक परिवर्तनः- कमजोर वर्ग की परिवर्तित संवैधानिक परिस्थितियाँ: -”, JASRAE, vol. 14, no. 2, pp. 1949–1952, Jan. 2018, Accessed: Oct. 18, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/7495