लोकगीत- अर्थ, परिभाषा, स्वरूप, उद्भव एवं विकास
लोक साहित्य: एक संक्षिप्त परिचय
Keywords:
लोकगीत, अर्थ, परिभाषा, स्वरूप, उद्भव, विकास, संस्कृति, लोक साहित्यAbstract
किसी देश की संस्कृति का परिचय उस देश के लोक साहित्य से प्राप्त हो जाता है। लोक साहित्य समाज की आत्मा का उज्ज्वल प्रतिबिम्ब है। किसी देश की जातीय, राष्ट्रीय साहित्यिक, सामाजिक ऐतिहासिक, धार्मिक एवं आर्थिक मापदंड के लिए यदि कोई पैमाना हमारे पास है तो वह उस देश का लोक साहित्य ही है।Published
2018-04-01
How to Cite
[1]
“लोकगीत- अर्थ, परिभाषा, स्वरूप, उद्भव एवं विकास: लोक साहित्य: एक संक्षिप्त परिचय”, JASRAE, vol. 15, no. 1, pp. 77–79, Apr. 2018, Accessed: Jun. 27, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/7579
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[1]
“लोकगीत- अर्थ, परिभाषा, स्वरूप, उद्भव एवं विकास: लोक साहित्य: एक संक्षिप्त परिचय”, JASRAE, vol. 15, no. 1, pp. 77–79, Apr. 2018, Accessed: Jun. 27, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/7579