शासकीय एवं अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का तुलनात्मक अध्ययन
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Keywords:
शासकीय एवं अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों, विद्यार्थियों, व्यक्तित्व, तुलनात्मक अध्ययन, शिक्षाAbstract
शिक्षा मानव के गुणों को विकसित करने की प्रक्रिया है, इसके द्वारा मानव की अंतर्निहित योग्यताओं को विकसित करके समाज सम्मत बनाया जाता है। शिक्षा ने केवल उसे अपने वातावरण से अनुकूलन करने में सहायता देती है, वरन उसके व्यवहार में ऐसे वांछनीय परिवर्तन भी करती है जिससे वह अपना और अपने समाज का कल्याण करने में सफल होता है। शिक्षा इन कार्यों को संपन्न करके ही सच्ची शिक्षा कहलाने की अधिकारिणी हो सकती है।Published
2018-04-01
How to Cite
[1]
“शासकीय एवं अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का तुलनात्मक अध्ययन: -”, JASRAE, vol. 15, no. 1, pp. 355–359, Apr. 2018, Accessed: Jun. 27, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/7632
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Articles
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[1]
“शासकीय एवं अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का तुलनात्मक अध्ययन: -”, JASRAE, vol. 15, no. 1, pp. 355–359, Apr. 2018, Accessed: Jun. 27, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/7632