पं. सवाई गंधर्व
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Keywords:
पं. सवाई गंधर्व, किराना घराने, गायकी, उर्फ पं. सवाई गंधर्व, उस्ताद अब्दुल करीम खांAbstract
किराना घराने की परम्परा में श्री रामाभाऊ कुन्दगोलकर, उर्फ पं. सवाई गंधर्व एक महत्वपूर्ण व प्रमुख नाम है। आप किराना घराने की गायकी के प्रवर्तक उस्ताद अब्दुल करीम खां साहब के शिष्य थे। आपकी अद्भुत प्रतिभा, प्रवीणता व प्रबल परिश्रम के फलस्वरूप ही आपको सवाई गंधर्व पद से सम्मानित किया गया। आपने खां साहब की विशिष्ट गायकी को आत्मसात किया। आपके गुरु की भांति आपकी गायकी भी भाव प्रधान थी। किराना घराने की परम्परागत व विशिष्ट गायकी को कायम रखते हुए अन्य प्रभावशाली व सुंदर सांगीतिक प्रभावों के बौद्धिकतापूर्ण व सुंदर समन्वय से आपने अपनी गायकी को अधिक समृद्ध बाया। आपके शिष्य परिवार में भारत रत्न पं. भीमसेन जोशी, गंगूबाई हंगल, पं. फिरोज दस्तूर, कागलकर बुआ, इंदिरा बाई खाडिलकर इत्यादि नाम उल्लेखनीय हैं। एक महान संगीतज्ञ होने के साथ एक महान अभिनेता के रूप में भी आपको गौरवशाली स्थान प्राप्त हुआ। अनेक मराठी नाटकों के लिए भी आपने आकर्षक मंच संगीत प्रदान किया। इस कर्मठ, संगीतमयी सुखद व आनंदमय यात्रा करते हुए 12 सितम्बर 1952 ई. में आप प्रभु चरणों में लीन हो गए।Published
2018-04-01
How to Cite
[1]
“पं. सवाई गंधर्व: -”, JASRAE, vol. 15, no. 1, pp. 721–722, Apr. 2018, Accessed: Jun. 27, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/7697
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Articles
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[1]
“पं. सवाई गंधर्व: -”, JASRAE, vol. 15, no. 1, pp. 721–722, Apr. 2018, Accessed: Jun. 27, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/7697