केदारनाथ सिंह प्रेम के अनुभव विलक्षण
The Unique Experience of Love in Kedarnath Singh Prem's Poetry
Keywords:
केदारनाथ सिंह प्रेम, मानवीय संबंधें, प्रकृति-चित्राण, काव्यात्मक रूप, प्यारAbstract
केदारनाथ सिंह प्रेम के माध्यम से मानवीय संबंधें को जोड़ते हैं। उन्होंने प्रकृति-चित्राण की भाँति प्रेम को भी काव्यात्मक रूप दिया है। विश्वनाथ प्रसाद तिवारी लिखते हैं कि ‘‘इन गीतों की जमीन तो वही है अर्थात् प्यार और प्रकृति पर कवि ने इस जमीन को एक नयी ओर निजी आभा प्रदान की है। वह प्यार और प्रकृति के उन अछूते रूपों का स्पर्श करता है जिन पर अन्य कवियों की द्रष्टि नहीं गयी थी। कवि का प्रेम अनुभव विलक्षण है। उसे चिंता इस बात की है कि समकालीन हिंदी कविता में प्रेम की उपस्थिति अल्पमात्रा में है।Published
2018-05-01
How to Cite
[1]
“केदारनाथ सिंह प्रेम के अनुभव विलक्षण: The Unique Experience of Love in Kedarnath Singh Prem’s Poetry”, JASRAE, vol. 15, no. 3, pp. 700–703, May 2018, Accessed: Sep. 13, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/8157
Issue
Section
Articles
How to Cite
[1]
“केदारनाथ सिंह प्रेम के अनुभव विलक्षण: The Unique Experience of Love in Kedarnath Singh Prem’s Poetry”, JASRAE, vol. 15, no. 3, pp. 700–703, May 2018, Accessed: Sep. 13, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/8157