अध्ययन शीर्षक-पोखाल क्षेत्र में आलू की खेती: आर्थिकी में परिवर्तन का अध्ययन

उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों में आलू की खेती और आर्थिकी में परिवर्तन का अध्ययन

Authors

  • Bhanu Prasad
  • Dr. Mahesh Singh

Keywords:

अध्ययन, पोखाल क्षेत्र, आलू की खेती, आर्थिकी, परिवर्तन

Abstract

उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों में कृषि को काफी मेहनत का काम माना जाता है, क्योंकि यहॉ पर सभी काम शारीरिक परिश्रम से किया जाता है। खेती भी कई पीढ़ियों के तर्ज पर किया जाता रहा है। यह भी कारण रहा कि आजीविका के साधनों की कमी के कारण लोग यहॉ से बड़ी मात्रा में पलायन कर रहे हैं। हालांकि इसप्रकार की खेती में दैनिक आवश्यकताओं को पूरा होने की गुंजाइस रहती थी, पर अधिक लाभकारी नहीं थी। स्थानीय ज्ञान को वैज्ञानिक तरीकों से कृषि की विधि को अपनाकर इसे आय का स्थाई तथा लाभकारी साधन के रूप में विकसित किया जा सकता है। परम्परागत खेती करना लागत के रूप में अधिक तथा आर्थिक अर्जन में कम उपयोगी है। नकदी फसल की खेती करना कम लागत में अधिक लाभदायक है।

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Published

2018-07-01

How to Cite

[1]
“अध्ययन शीर्षक-पोखाल क्षेत्र में आलू की खेती: आर्थिकी में परिवर्तन का अध्ययन: उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों में आलू की खेती और आर्थिकी में परिवर्तन का अध्ययन”, JASRAE, vol. 15, no. 5, pp. 829–834, Jul. 2018, Accessed: Sep. 19, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/8465

How to Cite

[1]
“अध्ययन शीर्षक-पोखाल क्षेत्र में आलू की खेती: आर्थिकी में परिवर्तन का अध्ययन: उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों में आलू की खेती और आर्थिकी में परिवर्तन का अध्ययन”, JASRAE, vol. 15, no. 5, pp. 829–834, Jul. 2018, Accessed: Sep. 19, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/8465