चम्बा के मिंजर मेले की लोक गाथा एवं लोकगीत
The Folklore and Folk Songs of Minjar Fair in Chamba
Keywords:
चम्बा, मिंजर मेले, लोक गाथा, लोकगीत, रियासत, राजधानी, राजवंश, राजा साहिल वर्मा, चम्पावती, नयना देवी, पानी, संकट, माता सूही, मेलाAbstract
चम्बा 550 ई0 में एक छोटी सी रियासत थी। जिसका प्रथम शासक था ‘‘मरू’’ तथा उसकी राजधानी थी ‘‘ब्रह्मपुर’’। ब्रह्मपुर को आज ‘‘भरमौर’’ के नाम से जाना जाता है। इसी राजवंश के बीसवें राजा ‘‘साहिल वर्मा’’ ने 920 ई0 में चम्बा नगर बसाया। कहा जाता है कि साहिल वर्मा ने चम्बा नगर का नाम अपनी प्रिय पुत्री ‘‘चम्पावती’’ के नाम पर ‘‘चम्पा’’ रखा। धीरे-धीरे ये चम्पा नाम बदल कर चम्बा बन गया। ये भी कहा जाता है कि इस चम्बा नगर को बसाने में चम्पावती की ही प्रेरणा रही। चम्बा में एक गाथा यह भी चली आ रही है कि चम्बा में पानी का बहुत कष्ट था अतः पानी के संकट को दूर करने के लिए राजा साहिल वर्मा की रानी ‘‘नयना देवी’’ ने अपने आप को दिवार में चुनवा लिया था और अपना बलिदान दिया। तभी से चम्बा में पानी का संकट दूर हुआ। आज भी उसी स्थान पर माता सूही की याद में हर साल एक मेला भी लगता है।Published
2018-08-05
How to Cite
[1]
“चम्बा के मिंजर मेले की लोक गाथा एवं लोकगीत: The Folklore and Folk Songs of Minjar Fair in Chamba”, JASRAE, vol. 15, no. 6, pp. 493–495, Aug. 2018, Accessed: Aug. 18, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/8558
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Articles
How to Cite
[1]
“चम्बा के मिंजर मेले की लोक गाथा एवं लोकगीत: The Folklore and Folk Songs of Minjar Fair in Chamba”, JASRAE, vol. 15, no. 6, pp. 493–495, Aug. 2018, Accessed: Aug. 18, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/8558