आदिवासी समुदाय एवं उनके सामाजिक संगठन में पाई जाने वाली जातियों का एक अध्य यन

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Authors

  • Mukesh Rani
  • Dr. Navita Rani

Keywords:

आदिवासी, समुदाय, सामाजिक संगठन, जातियाँ, अध्ययन

Abstract

आदिवासी नाम का अर्थ है मूल और दो शब्दों से बना है आदि और वासी। आदिवासी भारत की आबादी का लगभग 8.6 (10 करोड़) बनाते हैं। प्राचीन साहित्य में आदिवासियों को अत्त्विक (संस्कृत ग्रंथों में) कहा जाता था। आदिवासियों को महात्मा गांधी (पहाड़ियों पर रहने वाले लोग) द्वारा गिरिजन कहा जाता है। भारतीय संविधान में आदिवासियों को अनुसूचित जनजाति कहा गया है। आंध्र, गोंड, खरवार, मुंडा, खड़िया, बोडो, कोल, भील, कोली, सहरिया, संथाल, मीना, भूमिज, उरांव, लोहरा, बिरहोर, पारधी, असुर, तकंकर, और अन्य भारत के कुछ महत्वपूर्ण आदिवासी समूह हैं। इस लेख में आदिवासी समुदाय एवं उनके सामाजिक संगठन में पाई जाने वाली जातियों का एक अध्‍ययन किया गया है

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Published

2018-08-05

How to Cite

[1]
“आदिवासी समुदाय एवं उनके सामाजिक संगठन में पाई जाने वाली जातियों का एक अध्य यन: -”, JASRAE, vol. 15, no. 6, pp. 914–919, Aug. 2018, Accessed: Aug. 18, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/8634

How to Cite

[1]
“आदिवासी समुदाय एवं उनके सामाजिक संगठन में पाई जाने वाली जातियों का एक अध्य यन: -”, JASRAE, vol. 15, no. 6, pp. 914–919, Aug. 2018, Accessed: Aug. 18, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/8634