सुरक्षा की संकल्पना एवं सुरक्षा चिंतन का विकास
विविधता से सत्य सुरक्षा की अवधारणा
Keywords:
सुरक्षा, संकल्पना, चिंतन, विकास, मानवीय सुरक्षा, वैश्विक सुरक्षा, लक्षण, परिभाषित, विश्लेषणAbstract
सुरक्षा बहुत ही व्यापक अवधारणा है। प्रारम्भ में इसे सैन्य एवं यौद्धिक मामलों तक ही सीमित माना गया और विभिन्न चिन्तकों एवं विचारकों ने इसे अपने-अपने तरीके से परिभाषित किया। किन्तु बाद के दशकों में सुरक्षा की एक विस्तृत अवधारणा सामने आई जिसके अन्तर्गत मानवीय सुरक्षा से लेकर वैश्विक सुरक्षा के समस्त पहलू इसमें समाहित हो गये। इसी के साथ-साथ सुरक्षा के विस्तृत आयामों पर भी बहस एवं लेखन होने लगा। इसके बावजूद सुरक्षा की एकमात्र सम्यक एवं सर्वमान्य परिभाषा देना शेष रह गया है। हम इसके लक्षणों से ही इसको परिभाषित करने का प्रयास करते हैं। प्रस्तुत लेख में सुरक्षा संकल्पना एवं इसके चिंतन के विकास का विश्लेषण किया गया है।Published
2018-09-01
How to Cite
[1]
“सुरक्षा की संकल्पना एवं सुरक्षा चिंतन का विकास: विविधता से सत्य सुरक्षा की अवधारणा”, JASRAE, vol. 15, no. 7, pp. 174–181, Sep. 2018, Accessed: Sep. 19, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/8667
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Section
Articles
How to Cite
[1]
“सुरक्षा की संकल्पना एवं सुरक्षा चिंतन का विकास: विविधता से सत्य सुरक्षा की अवधारणा”, JASRAE, vol. 15, no. 7, pp. 174–181, Sep. 2018, Accessed: Sep. 19, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/8667