उपभोगजन्य अनिश्चितता तथा हिन्दी कहानी
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Keywords:
उपभोगजन्य अनिश्चितता, हिन्दी कहानी, विचारधारात्मक संवेदनशीलता, अकेलापन, विचारधारा, संगठन, एकता, आधुनिकता, अवलंबAbstract
विचारधारात्मक संवेदनशीलता के अतिरिक्त समाज में व्याप्त अनिश्चितता का दूसरा बड़ा कारण अकेलापन या अकेलेपन की भावना है। अकेलेपन की भावना के भी कई कारण है जैसे बौद्धिक वर्ग में अकेलापन पैदा करने वाला एक कारण जिसका हमने अभी-अभी वर्णन किया है, किसी न किसी विचारधारा से जुड़ा हुआ था तथा एक विचारधारा से जुड़े सभी व्यक्ति चाहे वह किसी भी वर्ग, धर्म, जाति, लिंग के हो, संगठित महसूस करते है। संगठन या एकता व्यक्ति को हमेशा अकेलेपन में सहारा देती है। आधुनिकता में उपस्थित दो अवलम्बों में से दूसरा अवलम्ब ईश्वर का था वह भी कमजोर पड़ गया।Published
2018-09-01
How to Cite
[1]
“उपभोगजन्य अनिश्चितता तथा हिन्दी कहानी: -”, JASRAE, vol. 15, no. 7, pp. 319–324, Sep. 2018, Accessed: Sep. 19, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/8697
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Articles
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[1]
“उपभोगजन्य अनिश्चितता तथा हिन्दी कहानी: -”, JASRAE, vol. 15, no. 7, pp. 319–324, Sep. 2018, Accessed: Sep. 19, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/8697