उपभोगजन्य अनिश्चितता तथा हिन्दी कहानी

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Authors

  • Dr. Kamal .
  • Dr. Sushila Kumari

Keywords:

उपभोगजन्य अनिश्चितता, हिन्दी कहानी, विचारधारात्मक संवेदनशीलता, अकेलापन, विचारधारा, संगठन, एकता, आधुनिकता, अवलंब

Abstract

विचारधारात्मक संवेदनशीलता के अतिरिक्त समाज में व्याप्त अनिश्चितता का दूसरा बड़ा कारण अकेलापन या अकेलेपन की भावना है। अकेलेपन की भावना के भी कई कारण है जैसे बौद्धिक वर्ग में अकेलापन पैदा करने वाला एक कारण जिसका हमने अभी-अभी वर्णन किया है, किसी न किसी विचारधारा से जुड़ा हुआ था तथा एक विचारधारा से जुड़े सभी व्यक्ति चाहे वह किसी भी वर्ग, धर्म, जाति, लिंग के हो, संगठित महसूस करते है। संगठन या एकता व्यक्ति को हमेशा अकेलेपन में सहारा देती है। आधुनिकता में उपस्थित दो अवलम्बों में से दूसरा अवलम्ब ईश्वर का था वह भी कमजोर पड़ गया।

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Published

2018-09-01

How to Cite

[1]
“उपभोगजन्य अनिश्चितता तथा हिन्दी कहानी: -”, JASRAE, vol. 15, no. 7, pp. 319–324, Sep. 2018, Accessed: Sep. 19, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/8697

How to Cite

[1]
“उपभोगजन्य अनिश्चितता तथा हिन्दी कहानी: -”, JASRAE, vol. 15, no. 7, pp. 319–324, Sep. 2018, Accessed: Sep. 19, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/8697