वैष्वीकरण और मीडिया

वैष्वीकरण का मीडिया और इंटरनेट में असर

Authors

  • Dr. Kamal .

Keywords:

वैष्वीकरण, मीडिया, भूमण्डलीकरण, बाजारवाद, गाँव, साजिश, प्रस्तुत, विज्ञापन, उत्पादक, स्त्री

Abstract

आज हम जिस दुनिया में रह रहे हैं उसमें सब-कुछ अपना-सा होकर भी अपना नहीं है। भूमण्डलीकरण अर्थात् बाजारवाद ने पूरी दुनिया को इतने करीब ला दिया है कि हम सिमटकर एक छोटे से गाँव में तबदील हो गये हैं, लेकिन क्या हम वास्तव में करीब आये हैं या एक साजिश के तहत करीब लाये गये हैं? इसका फैसला न तो कहानीकार उदय प्रकाश ने अपने प्रस्तुत कहानी-संग्रह में किया है और न ही ऐसा कुछ करना लेखक का दृष्टिकोण मालूम होता है। लेखक ने तो अपने पात्रों के माध्यम से भूमण्डलीकरण और इससे उत्पन्न स्थितियों की गहन जाँच-पड़ताल कर पाठक को ही फैसला लेने या करने पर मजबूर किया है कि भूमण्डलीकरण किसके लिये है? और इससे लाभान्वित कौन हो रहा है? वैसे भी भूमण्डलीकरण का इतना और इससे भी ज्यादा इसकी विशालता के पीछे मीडिया एवं इंटरनेट ही काम कर रहा है। मीडिया और इंटरनेट ही बाजार को घर-घर पहुँचाने का काम कर रहे हैं। विज्ञापन के कारण उत्पादक की बिक्री में वृद्धि होती है, साथ-ही-साथ एक इसने सामान्य स्त्री को भी मीडिया रातोंरात असामान्य बना दिया। ‘पालगोमरा का स्कूटर’ नामक कहानी में कहानीकार ने एक सफाई कर्मचारी की सत्रह साल की बेटी को प्रस्तुत किया है। जिसमें वह एक विज्ञापन में आठ फुट बाय चार फुट साईज के विशाल ब्लेड के मोडल पर वस्त्रहीन सोई थी जिसके प्रभावस्वरूप वह रातोंरात मालोमाल हो चुकी थी। तो दूसरी तरफ एक साधारण लड़की आशा मिश्रा भी ‘ब्लेक होर्स’ नामक बिअर के विज्ञापन के कारण मालोमाल हो जाती है।

Downloads

Published

2018-09-01

How to Cite

[1]
“वैष्वीकरण और मीडिया: वैष्वीकरण का मीडिया और इंटरनेट में असर”, JASRAE, vol. 15, no. 7, pp. 390–393, Sep. 2018, Accessed: Sep. 19, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/8712

How to Cite

[1]
“वैष्वीकरण और मीडिया: वैष्वीकरण का मीडिया और इंटरनेट में असर”, JASRAE, vol. 15, no. 7, pp. 390–393, Sep. 2018, Accessed: Sep. 19, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/8712