पहेलियाँ युक्त हरियाणवी साहित्य

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Authors

  • Kavita Rani

Keywords:

पहेली, हरियाणवी साहित्य, विषम अवस्था, उलझन, ब्रह्मोदय, बुझौवल, फाली, फाली आडना, गाहा खोलना, दृष्टिकूट

Abstract

‘पहेली’ शब्द की व्युत्पत्ति ‘प्रहेलिका’ शब्द से हुई है जिसका अर्थ है-विषम अवस्था या उलझन। पहेली को संस्कृत में ‘ब्रह्मोदय’, भोजपुरी में ‘बुझौवल,’ राजस्थानी में ‘फाली’ या पारसी, मेवाती में ‘बताणी बात’ या ‘फाली आडना’ कहते हैं। ‘‘हरियाणवी में इसे ‘फाली आडना’ (फल बतलाना) अथवा गाहा खोलना, गाथा का रहस्य बतलाना कहते हैं। हरियाणा में प्रचलित सीठणे छन (जो ब्याह-शादी के अवसरों पर बोले जाते हैं) तथा साहित्य संसार में प्रचलित ‘दृष्टिकूट’ और ‘मुकरिया’ आदि पहेलिका-परिवार के ही अंग-उपांग हैं।’’[1] ‘सांकेतिकता, प्रतीकात्मकता, चित्रात्मकता और लाक्षणिकता इसकी भाषायी विशेषताएँ हैं।’[2]

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Published

2018-09-01

How to Cite

[1]
“पहेलियाँ युक्त हरियाणवी साहित्य: -”, JASRAE, vol. 15, no. 7, pp. 509–512, Sep. 2018, Accessed: Sep. 19, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/8736

How to Cite

[1]
“पहेलियाँ युक्त हरियाणवी साहित्य: -”, JASRAE, vol. 15, no. 7, pp. 509–512, Sep. 2018, Accessed: Sep. 19, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/8736