भारतीय संघवाद: वर्तमान संदर्भ में एक अध्ययन

An Examination of the Concept of Indian Federalism in the Current Context

Authors

  • Kapil Dev

Keywords:

संघवाद, भारतीय संघवाद, संघीय संविधान, राजनीतिक व्यवस्था, संघीय प्रणाली

Abstract

संघवाद शब्द का प्रयोग समयानुसार भिन्न-भिन्न सन्दर्भों में किया गया है। शाब्दिक व वैचारिक प्रयोग ने इसके अर्थ को विकृत कर दिया। लोकतंत्र की भांति भिन्न-भिन्न लोगों ने संघवाद का भी भिन्न-भिन्न अर्थ लगाया। सिद्धान्त रूप में संघवाद राज्यों का वह संगठनात्मक स्वरूप हैं जिसमें किसी समाज में राष्ट्रीय एकता तथा क्षेत्रीय स्वायत्ता के बीच एक संतुलन स्थापित किया जाता है। यह एक प्रक्रिया है जिसमें कुछ स्वतंत्र राजनीतिक इकाईयां एक ऐसा प्रबंधन नीतियां बनाकर और संयुक्त निर्णय करके उसका समाधान कर सकें। दूसरे शब्दों में सघंवाद सांझें राष्ट्रीय उद्देश्यों को प्राप्त करने हेतू एक सवैंधानिक यंत्र है जिसमें देश की संकेदत्क व विभाजक प्रवृतियों की विपरित शक्तियों को समेकित करके विभिन्नता में एकता सुनिश्चित की जाती है। भारत की भौगोलिक व सामाजिक सांस्कृतिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुऐ भारतीय संविधान निर्माताओं ने भारत के लिए संघीय सविधान का निर्माण किया है। उस संघीय संविधान के अनुसार जिस राजनीतिक व्यवस्था की स्थापना की गयी उसे राजनीतिक व्यवस्था प्रणाली के सात दशक बीत चुके हैं लेकिन इन 70 वर्षों में संघीय प्रणाली का स्वरूप समान नहीं दिखाई देता है इस बात को ध्यान में रखते हुए भारत में विश्व पटल व आन्तरिक तोर पर व्यापक परिवर्तन महसूस किया गया है। प्रस्तुत शोध पत्र में राज्य व केंद्र के मध्य संबंधों पर प्रकाश डालेंगें।

Downloads

Published

2018-12-01

How to Cite

[1]
“भारतीय संघवाद: वर्तमान संदर्भ में एक अध्ययन: An Examination of the Concept of Indian Federalism in the Current Context”, JASRAE, vol. 15, no. 12, pp. 123–127, Dec. 2018, Accessed: Jun. 26, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/9205

How to Cite

[1]
“भारतीय संघवाद: वर्तमान संदर्भ में एक अध्ययन: An Examination of the Concept of Indian Federalism in the Current Context”, JASRAE, vol. 15, no. 12, pp. 123–127, Dec. 2018, Accessed: Jun. 26, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/9205