भारतीय धर्म और दर्शन में गाँधी जी के आर्थिक विचार

गांधी जी के आर्थिक विचार और भारतीय धर्म और दर्शन

Authors

  • Karamvir Singh

Keywords:

भारतीय धर्म, दर्शन, गांधी जी, आर्थिक विचार, संरक्षकता, गरीबों की सहायता, राजा रामचन्द्र, रामराज्य, दानवों की रक्षा

Abstract

गांधी जी ने आर्थिक अवधारणा का वर्णन करते हुए सार्वजनिक रूप से घोषित किया कि ‘‘यह अवधारणा धर्म और दर्शन से बन्धी हुई है। भारतीय धर्म और दर्शन में संरक्षकता के विचार माना गया है। प्राचीन भारतीय राजा वास्तविक रूप से गरीबों की आर्थिक रूप से सहायता करते थे। राजा रामचन्द्र दयालुता की एक मिशाल थे। उनके रामराज्य में सभी समान थे। सभी के लिए यह मूल्यावान और जरूरी था। बल्कि राम जब जवान थे तब उनके पिता जी ने दानवों को दण्ड देने के लिए भेजा गया। जो देवताओं और महात्माओं को परेशान कर रहे थे। तब राम ने दानव को मारकर उन सब की रक्षा की थी।

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Published

2018-12-01

How to Cite

[1]
“भारतीय धर्म और दर्शन में गाँधी जी के आर्थिक विचार: गांधी जी के आर्थिक विचार और भारतीय धर्म और दर्शन”, JASRAE, vol. 15, no. 12, pp. 360–363, Dec. 2018, Accessed: Jun. 27, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/9258

How to Cite

[1]
“भारतीय धर्म और दर्शन में गाँधी जी के आर्थिक विचार: गांधी जी के आर्थिक विचार और भारतीय धर्म और दर्शन”, JASRAE, vol. 15, no. 12, pp. 360–363, Dec. 2018, Accessed: Jun. 27, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/9258