भारत में निर्वाचन तंत्र : सांगठनिक स्वरूप

The Organizational Structure of Elections in India

Authors

  • Parmod Kumar

Keywords:

भारत, निर्वाचन तंत्र, सांगठनिक स्वरूप, स्वच्छ, स्वतन्त्र, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, निर्वाचन, जनता, सहभागिता, तत्त्व, मशीनरी, राजनीतिक दल, अभ्यर्थी, निर्वाचकगण, व्यवस्था, निदेशन, बाह्य दबाव, प्रभाव, मुक्त

Abstract

एक स्वच्छ एवं स्वतन्त्र पंथनिरपेक्ष लोकतांत्रिक निर्वाचन में जनता की सहभागिता पर तीन तत्त्वों के व्यवहार का बहुत प्रभाव पड़ता है जो मिलकर त्रिकोण बनाते हैं, ये हैं-निर्वाचन मशीनरी, राजनीतिक दल एवं अभ्यर्थी तथा निर्वाचकगण। एक निर्वाचन मशीनरी को इतना योग्य होना चाहिए कि वह इन दूसरे तत्त्वों में विश्वास पैदा कर सके, जैसे-निर्वाचन की व्यवस्था एवं उसका निदेशन बाह्य दबाव और प्रभाव से मुक्त हो, का निर्वाचक गण एवं अभ्यर्थियों तथा राजनीतिक दलों में विश्वास हो।

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Published

2018-12-01

How to Cite

[1]
“भारत में निर्वाचन तंत्र : सांगठनिक स्वरूप: The Organizational Structure of Elections in India”, JASRAE, vol. 15, no. 12, pp. 383–385, Dec. 2018, Accessed: Jun. 27, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/9265

How to Cite

[1]
“भारत में निर्वाचन तंत्र : सांगठनिक स्वरूप: The Organizational Structure of Elections in India”, JASRAE, vol. 15, no. 12, pp. 383–385, Dec. 2018, Accessed: Jun. 27, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/9265