भूमंडलीकरण एवं हिन्दी

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Authors

  • Dr. Upasana Jindal

Keywords:

भूमंडलीकरण, हिन्दी, वर्चस्व, भाषा, साहित्य, महत्त्व, संयुक्त राष्ट्र संघ, विश्वविद्यालय

Abstract

जब हम विश्व के रंगमंच पर खड़े होकर दृष्टिपात करते हैं तो पाते हैं कि विश्व के अनेक देशों में हिन्दी का वर्चस्व कायम है। आज के इस भूमण्डलीकरण के युग में हिन्दी भाषा और उसका साहित्य दिनो-दिन प्रगति के पथ पर दौड़ रहा है। आज हिन्दी केवल राष्ट्रभाषा या सम्पर्क भाषा नहीं है अपितु ‘विश्वभाषा’ है। आज के इस तकनीकी युग में हिन्दी का महत्त्व सर्वोपरि है। नागपुर में हुए प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन में यह प्रस्ताव पास हुआ था कि संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी को मान्यता प्रदान की जाए। प्रसन्नता की बात है कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी व विदेशी मंत्री श्री वी.पी. नरसिंहराव ने भी संयुक्त राष्ट्र संघ के सम्मेलनों में हिन्दी में भाषण दिया। उल्लेखनीय बात यह है कि आज संसार के लगभग सवा सौ विश्वविद्यालयों में हिन्दी सिखाई-पढ़ाई जा रही है। अनेक विदेशी विश्वविद्यालयों में हिन्दी में शोध कार्य हो रहा है।

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Published

2018-12-01

How to Cite

[1]
“भूमंडलीकरण एवं हिन्दी: -”, JASRAE, vol. 15, no. 12, pp. 403–405, Dec. 2018, Accessed: Jun. 27, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/9271

How to Cite

[1]
“भूमंडलीकरण एवं हिन्दी: -”, JASRAE, vol. 15, no. 12, pp. 403–405, Dec. 2018, Accessed: Jun. 27, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/9271