फौजी मेहर सिंह के काव्य में किसान जीवन का वर्णन
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Keywords:
फौजी मेहर सिंह, काव्य, किसान जीवन, भारत, कृषि प्रधान देश, जनसंख्या, कृषि कार्य, आमदनी, आत्महत्या, प्रकृतिAbstract
भारत एक कृषि प्रधान देश है। जिसकी काफी बड़ी जनसंख्या कृषि कार्य में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ी हुई है। इसके बावजूद यहां कृषि कार्य जोखिम भरा है। कड़ी मेहनत के बावजूद किसान को अपना जीवन यापन करने के लिए कृषि कार्य से उतनी आमदनी नहीं हो पाती कि वह अपनी सभी जरूरतों को आराम से पूरा कर सकें। हम देखते हैं कि हर दिन अखबारों में किसानों की आत्महत्या से जुड़ी हुई खबरें आती हैं। इसका प्रमुख कारण यही है कि कृषि कार्य में निश्चिता नहीं है। यह पूरी तरह से प्रकृति के ऊपर निर्भर है। यदि प्रकृति में अचानक से कोई उतार चढ़ाव होता है तो उसके कारण किसान की मेहनत पर पानी फिर जाता है और दूसरी फसल के लिए, अपना परिवार चलाने के लिए किसान को कर्ज लेना पड़ता है।Published
2018-12-01
How to Cite
[1]
“फौजी मेहर सिंह के काव्य में किसान जीवन का वर्णन: -”, JASRAE, vol. 15, no. 12, pp. 646–648, Dec. 2018, Accessed: Jun. 27, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/9322
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Articles
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[1]
“फौजी मेहर सिंह के काव्य में किसान जीवन का वर्णन: -”, JASRAE, vol. 15, no. 12, pp. 646–648, Dec. 2018, Accessed: Jun. 27, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/9322