शासनतंत्रा, मंत्रिपरिषद् एवं संस्थाएँ

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Authors

  • Dr. Renu Singh

Keywords:

शासनतंत्रा, मंत्रिपरिषद्, संस्थाएँ, विश्लेषण, राज-व्यवस्था, मौर्यसाम्राज्य, राजा, निर्णय, शासन-व्यवस्था

Abstract

कौटिल्य के अर्थशास्त्रा के विभिन्न प्रकरणों में शासन तंत्रा, मंत्रिपरिषद् एवं संस्थाओं का विशद् विश्लेषण है, साथ ही शासनतंत्रा में संस्थाओं की परंपरागत एवं नवीन विधियों के मध्य समन्वय के द्वारा राज-व्यवस्था को चित्रित करने का एक प्रयास है। विभिन्न स्रोतों एंव अर्थशास्त्रा से प्राप्त तथ्यों के आधार पर बृहत मौर्यसाम्राज्य की शासन संस्थाओं के विकास और उसमें राजा के बाद महत्वपूर्ण मंत्रिपरिषद् का उल्लेख है, जिसके द्वारा संपूर्ण शासनतंत्रा को राजा के सर्वोच्च निर्णय के निकट लाना, शासन-व्यवस्था की सपफलता को संपूर्ण तंत्रा मानता है।

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Published

2018-12-01

How to Cite

[1]
“शासनतंत्रा, मंत्रिपरिषद् एवं संस्थाएँ: -”, JASRAE, vol. 15, no. 12, pp. 952–957, Dec. 2018, Accessed: Jun. 26, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/9379

How to Cite

[1]
“शासनतंत्रा, मंत्रिपरिषद् एवं संस्थाएँ: -”, JASRAE, vol. 15, no. 12, pp. 952–957, Dec. 2018, Accessed: Jun. 26, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/9379