1.
समाजिक, शारीरिक एवं संवेगात्मक रूप से समाजयोजन का अध्ययन: अपनी आवश्यकताओं को पूरा कर ही लें और समायोजित रहें. JASRAE. 2018;15(7):325-328. Accessed August 27, 2024. https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/8698