बिहार में वैश्विकरण के साकारात्मक एव नाकारात्मक प्रभाव

वैश्विकरण और साकारात्मक-नाकारात्मक प्रभाव: एक विस्तृत अध्ययन

Authors

  • Dr. Soni Kumari

Keywords:

वैश्विकरण, साकारात्मक प्रभाव, नाकारात्मक प्रभाव, उपकरण, वस्तु, विकास, दिनचर्या, सब, परिभाषा, व्यवहारिक रूप

Abstract

दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली सामग्रियों उपकरणों आदि पर हमारा ध्यानाकर्षण स्वाभाविक है। इन पर दृष्टि डालने पर यह जानने की इक्छा प्रबल हो जाती है ,की अमुक वस्तु, उपकरण या ,विचार का जन्म कब कहा और कैसे हुआ था।और ये हमारे जीवन का हिस्सा कैसे बन गए।ऐसी चीजें है,टेलीविजन, रेफ्रिजरेटर, बाइक, नाइलॉन के उपकरण आदि।उनकी उत्पत्ति एवम विकास की कहानी हमें चौकाती है,किन्तु यह सर्वविदित है ,की हमारी दिनचर्या में शामिल वस्तुओं, उपकरण आदि का हमारे जीवन का हिस्सा होना कुछ न होकर वैश्विकरण के साकारात्मक और नाकारात्मक प्रभाव का उदाहरण मात्र है।परिभाषा विशेषता का आधार पर न सही लेकिन उनके व्यवहारिक रूप से हम सब वैश्विकरण के सकारात्मक और नाकारात्मक प्रभाव से परिचित है।

Downloads

Published

2019-11-01

How to Cite

[1]
“बिहार में वैश्विकरण के साकारात्मक एव नाकारात्मक प्रभाव: वैश्विकरण और साकारात्मक-नाकारात्मक प्रभाव: एक विस्तृत अध्ययन”, JASRAE, vol. 16, no. 11, pp. 28–31, Nov. 2019, Accessed: Jul. 05, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/jasrae/article/view/12538

How to Cite

[1]
“बिहार में वैश्विकरण के साकारात्मक एव नाकारात्मक प्रभाव: वैश्विकरण और साकारात्मक-नाकारात्मक प्रभाव: एक विस्तृत अध्ययन”, JASRAE, vol. 16, no. 11, pp. 28–31, Nov. 2019, Accessed: Jul. 05, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/jasrae/article/view/12538