वैश्वीकरण के मद्देनजर हिंदी का पुनरुत्थान

Revival of Hindi in the Global Communication Era

Authors

  • श्री प्रकाश द्विवेदी
  • डॉ. नविता रानी

Keywords:

वैश्वीकरण, हिंदी, पुनरुत्थान, संचार सेवा, मार्केटिंग

Abstract

प्रस्तुत विषय में वैश्वीकरण के मद्देनजर हिंदी के पुनरुत्थान की बात कही गई है कि किस तरह प्राचीन समय से अब तक हिंदी भाषा प्रकाश में आई भारत में राष्ट्रीय भाषा और यह विभिन्न मातृभाषा बोलने वालों को एक साथ बुनती है। मेंवास्तव में, हिंदी में अतीत में अधिक सफलता की कहानियां नहीं हैं पहले हिंदी को स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में कविता, गद्य और नाटक आदि के पाठ के साथ एक भाषा के रूप में पढ़ाया जाता था। लेकिन अब इसे बदल दिया गया है और अनुवाद अध्ययन, बोली जाने वाली कौशल और अन्य समझ जैसे पाठ्यक्रमों की आवश्यकता है। मोबाइल फोन के माध्यम से वायरलेस संचार के नए शिखर पर पहुंचने के साथ, सूचनाओं का संप्रेषण और डेटा का आदान-प्रदान दिन-ब-दिन बहुत आसान होता जा रहा है। जैसाकि पहले ही कहा जा चुका है कि भारत लगभग सभी संचार सेवा प्रदाता कंपनियों या भारतीय बाजारों के अर्धशहरी और ग्रामीण क्षेत्रों पर कब्जा करने के लिए पूरी तरह से हिंदी भाषा का उपयोग करने वाला एक बड़ा बाजार है। इस प्रवृत्ति को आगे बढ़ाने वाले तीन एम हैं मीडिया, मार्केटिंग और पैसा ।स्टाइलिशन एबॉलीवुड, एफएम रेडियो और सैटेलाइट, टेलीविजन ने न केवल हिंदी को गर्म किया है बल्कि वैश्विक भारतीय के कॉस्मेटिक डीएनए को भी फिर से परिभाषित किया है। एक प्रतिबिंब के रूप में, संपूर्ण स्थानीय भाषा बांका-कुर्ता पायजामा, लहंगाचोली, ढाबेकाखाना, गुजरातीडांडिया, धार्मिक टैटू या ओम जय जगदीश हरे का रीमिक्स संस्करण बन गया है।

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Published

2019-11-01

How to Cite

[1]
“वैश्वीकरण के मद्देनजर हिंदी का पुनरुत्थान: Revival of Hindi in the Global Communication Era”, JASRAE, vol. 16, no. 11, pp. 223–228, Nov. 2019, Accessed: Jul. 05, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/jasrae/article/view/12570

How to Cite

[1]
“वैश्वीकरण के मद्देनजर हिंदी का पुनरुत्थान: Revival of Hindi in the Global Communication Era”, JASRAE, vol. 16, no. 11, pp. 223–228, Nov. 2019, Accessed: Jul. 05, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/jasrae/article/view/12570