पं. मदन मोहन मालवीय जी के दार्शनिक चिन्तन का अध्ययन
A Study of the Philosophical Thought of Pt. Madan Mohan Malaviya
Keywords:
पं. मदन मोहन मालवीय जी, दार्शनिक चिन्तन, प्रयाग, धर्म ज्ञानोपदेश, विद्याधर्म प्रवर्द्धिनी पाठशालाओं, म्योर सेंट्रल कालेज, कलकत्ता विश्वविद्यालय, उपाधि, देशभक्त, हिन्दू धर्मAbstract
मालवीय जी ने प्रयाग की धर्म ज्ञानोपदेश तथा विद्याधर्म प्रवर्द्धिनी पाठशालाओं में संस्कृत का अध्ययन समाप्त करने के पश्चात् म्योर सेंट्रल कालेज से 1884 ई0 में कलकत्ता विश्वविद्यालय की बी0 ए0 की उपाधि ली। मालवीय जी सच्चे देशभक्त थे और हिन्दू धर्म में जो कुछ भी सर्वोच्च है उसके अनन्य प्रेमी थे (शान्तिस्वरूप भटनागर)। इस कथन से स्पष्ट है कि मालवीय जी हिन्दू धर्म को मानने वाले एक विचारक भी थे और उन्होंने जो भी कार्य धर्म के विषय में किया है वह उनके दार्शनिक विचारों का आधार लेकर हैं। वे शंकराचार्य, विवेकानन्द एवं आज के युग के डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक न थे परन्तु इतना अवश्य सत्य है कि वे भी दार्शनिक बातों पर अपना मत देते थे और उन्होंने ईश्वर, जगत, जीव एवं मनुष्य आदि प्रसंगों पर अपने विचार स्पष्ट रूप से प्रकट किये हैं। इस प्रकार के सभी सम्प्रदायों की अच्छी बातों में विश्वास करते थे। इसी दृष्टिकोण से हम उनके विचारों का अध्ययन करेंगे तथा उन्हें समझने का प्रयत्न करेंगे।Published
2021-12-01
How to Cite
[1]
“पं. मदन मोहन मालवीय जी के दार्शनिक चिन्तन का अध्ययन: A Study of the Philosophical Thought of Pt. Madan Mohan Malaviya”, JASRAE, vol. 18, no. 7, pp. 89–95, Dec. 2021, Accessed: Jul. 03, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/jasrae/article/view/13613
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Articles
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[1]
“पं. मदन मोहन मालवीय जी के दार्शनिक चिन्तन का अध्ययन: A Study of the Philosophical Thought of Pt. Madan Mohan Malaviya”, JASRAE, vol. 18, no. 7, pp. 89–95, Dec. 2021, Accessed: Jul. 03, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/jasrae/article/view/13613